CBI ने बच्चों के कथित उत्पीड़न के आरोप में बिहार के भागलपुर व गया जिला स्थित दो शेल्टर होम के विरूद्ध मामले दर्ज किए हैं। यह जानकारी बुधवार को एक ऑफिसर ने दी। ऑफिसर ने बताया कि CBI ने भागलपुर में रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा संचालित बालक गृह व गया में हाउस ऑफ मदर चिल्ड्रन होम के विरूद्ध पिछले वर्ष बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले के आधार पर केस दर्ज किए हैं।
सर्वोच्च कोर्ट द्वारा एजेंसी को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में शामिल 17 शेल्टर होम में बच्चों के उत्पीड़न की जांच के लिए आदेश दिए जाने के करीब डेढ़ महीने बाद यह कार्रवाई की गई है।
अधिकारी ने बताया कि इन शेल्टर होम का संचालन करने वाले ऑफिसर एजेंसी की जांच के घेरे में हैं। गया के शेल्टर होम के विरूद्ध दर्ज एफआईआर में CBI ने टीआईएसएस की रिपोर्ट का जिक्र किया है, जिसमें बोला गया है कि हाउस मदर ऑफ चिल्ड्रन होम में बच्चों के लिए गंदी भाषा का प्रयोग किया जाता था व उनकी पिटाई की जाती थी व अभद्र संदेश लिखने और कार्य करने पर मजबूर किया जाता था।
भागलपुर के शेल्टर होम के विषय में टीआईएसएस की रिपोर्ट में बोला गया है कि उसके निदेशक और अन्य ऑफिसर किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करके चिल्ड्रम होम का संचालन करते थे व उन्होंने वित्तीय अनियमितताएं भी बरतीं।
इससे पहले पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला उजागर होने पर पूरे राष्ट्र का ध्यान इस ओर गया था। वह मामला भी टीआईएसएस की रिपोर्ट आने पर उजागर हुआ था, जिसमें एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में लड़कियों का यौन-उत्पीड़न किए जाने की बात सामने आई। शेल्टर होम का संचालन ब्रजेश ठाकुर द्वारा किया जा रहा था।
मामले में ठाकुर समेत 11 लोगों के विरूद्ध 31 मई को मामला दर्ज किया गया। बाद में मामले की जांच CBI को सौंपी गई।