CBI के अधिकारियों में घूस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आलोक वर्मा, 26 को सुनवाई

सीबीआई के अधिकारियों में घूस कांड को लेकर मचा घमासान अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। विवादों के बाद छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने वर्मा की अर्जी मंजूर कर ली है जिसपर सुनवाई शुक्रवार को होगी।   Image result for CBI के अधिकारियों में घूस कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आलोक वर्मा, 26 को सुनवाई

सीबीआई में जारी विवाद पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश दोनों को ही अनिश्चित कालीन छुट्टी पर भेज दिया और नागेश्वर राव को सीबीआई की अंतरिम निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी दी। अग्रिम आदेशों तक अब सीबीआई का संचालन के नागेश्वर राव करेंगे।

दरअसल, सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक और एजेंसी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत के आरोपों के सिलसिले में सोमवार को एजेंसी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। अपने तरह की इस अनूठी कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने सीबीआई में भ्रष्टाचार चरम पर होने और इस स्थिति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलाव JD अरुण शर्मा और DIG मनीष सिन्हा को भी हटाया गया। साथ ही CBI दफ्तर का 10वां और 11वां फ्लोर सील किया गया है।

बता दें कि देवेंद्र कुमार सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की घूसखोरी के मामले में आरोपी पाए गए हैं। इस घूस कांड में सीबीआई ने राकेश अस्थाना समेत कई लोगों के खिलाफ घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की है। जांच एजेंसी ने रविवार को देवेंद्र कुमार के घर छापा मारा था, जिसमें उन्हें देवेंद्र कुमार के घर से 8 मोबाइल फोन बरामद हुए थे।

इस मामले में पुलिस ने डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद और कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर मामला दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक अधिकारी ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना, जिसका नाम मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े मामले में सामने आया था, के मामले को खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।

एफआईआर में कहा गया है कि मनोज प्रसाद और उनके भाई सोमेश प्रसाद, सतीश साना से मिले। उन्होंने सतीश को बताया कि सीबीआई की मदद से वे इस केस को खत्म कर देंगे। सतीश ने आरोप लगाया है कि सोमेश ने एक अधिकारी को फोन किया जिसने दावा किया कि वह 5 करोड़ में इस केस को खत्म कर देगा, लेकिन उसे 3 करोड़ रुपये एडवांस देने होंगे।

उसके बाद सोमेश ने सतीश को उस अधिकारी का नाम राकेश अस्थाना बताया और इसकी पुष्टि करने के लिए उसने व्हॉट्सऐप डीपी भी दिखाई। सतीश की शिकायत के मुताबिक एक अक्टूबर को सीबीआई से पूछताछ के दौरान उसकी मुलाकात डीसीपी देवेंद्र कुमार से हुई, जिन्होंने उसकी मुलाकात  एसपी जगरूप से कराई। इस मामले में बिचौलिए मनोज को पुलिस ने 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।