दिल्ली चुनाव : केजरीवाल को पीछे छोड़ मोदी सरकार ने किया ये काम, कर डाला ये फ्री

दिल्ली चुनाव से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दावा किया कि दिल्ली में भाजपा को विधानसभा की 55 सीटों पर जीत मिल सकती है.

 

इसकी वजह एक ओर जहां धारा 370, नागरिकता कानून और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे राष्ट्रीय मुद्दे हैं तो दूसरी ओर अयोध्या मामले पर अदालत का फैसला भी है. यही वजह है कि भाजपा ने एक बार फिर अपना चुनाव एजेंडा इन मसलों पर केंद्रित किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के साथ ही पार्टी ने दिल्ली में इन मुद्दों से रंगे होर्डिंग, बोर्ड, पोस्टर से चुनावी दस्तक देनी शुरू कर दी है. हालांकि इन पर अयोध्या को लेकर कुछ भी टिप्पणी या घोषणा नहीं है.

दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता को लेकर भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली और देश में सबसे लोकिप्रय नेता पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं. ऐसे में यह बिंदु बचता ही नहीं है.

दिल्ली में हमारे 50 से 55 लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं. हमारा प्रयास है कि इन कार्यकर्ताओं को सड़क, मोहल्लों में उतारा जाए. अगर इनमें से 90% कार्यकर्ता भी चुनाव अभियान से जुड़ते हैं तो दिल्ली में हम 45 से 50 सीटों पर निर्णायक भूमिका में होंगे.

यही नहीं, जब ये कार्यकर्ता जुड़ेंगे तो इनके परिवार, सहयोगी, साथी और रिश्तेदार भी हमारे साथ आएंगे. वहीं, दिल्ली में जदयू-लोजपा को सीट देने से भी भाजपा को लाभ होगा. बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के वोट हमें हासिल होंगे. इससे दिल्ली में 23 वर्ष का भाजपा का वनवास खत्म होगा.

भाजपा के एक आतंरिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कमल खिलने की बड़ी उम्मीद है. पार्टी का आकलन है कि वह अपने नए अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के नेतृत्व में होने वाले पहले विधानसभा चुनाव में 70 में से 55 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. हालांकि इसके लिए उसे बड़े स्तर पर कार्यकर्ताओं और जनता से जुड़ना होगा.