सी वायरस एचआईवी से भी ज्यादा खतरनाक, जाने कैसे

दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार  और सी वायरस एचआईवी (HIV) से भी ज्यादा खतरनाक है हमारे देश में बड़ी संख्या में ज्यादा लोग हेपेटाइटिस वायरस के शिकार हैं, लेकिन अब इस खतरे को जड़ से मिटाने की प्रयास प्रारम्भ हो गई है दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंस (ILBS Hospital) में एक ऐसी ही प्रयास की जा रही है

इस वायरस की सबसे खतरनाक बात है चुप्पी से वार करना   के मुताबिक, हिंदुस्तान में 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी के इंफेक्शन के शिकार हैं, लेकिन 90 फीसदी लोगों के शरीर में ये वायरस शांत रहते हैं  उन्हें आयु भर कोई बीमारी भी नहीं होती हालांकि ये वायरस शरीर से कभी समाप्त नहीं होता

जिन लोगों में हेपेटाइटिस बी का वायरस बीमारी की शक्ल में बदल जाए, उन्हें ज़िंदगी भर दवाएं लेनी पड़ती हैं हालांकि डॉक्टरों की निगरानी में लगातार उपचार चलाया जाए तो मरीज बेहतर ज़िंदगी जी सकता है

कैसे होती है हेपेटाइटिस की बीमारी 
-हेपेटाइटिस बी का इंफेक्शन संक्रमित मां से उसके बच्चे में जन्म के समय आ सकता है

-इंफेक्टिड सुई से इंजेक्शन लग जाने पर

-इंफेक्टिड नीडिल यानी सुई से टैटू या फिर आंख-कान या बॉडी पियर्सिंग करवाई जाए

-असुरक्षित यौन संबंधों से भी हेपेटाइटिस बी  सी फैल सकता है

हेपेटाइटिस के लक्षण
-हेपेटाइटिस बी या सी बीमारी में बदलने लगे तो जोड़ों में दर्द, पेट में दर्द,  कमजोरी का अहसास होने कि सम्भावना है

-बुखार  थकान रहना, स्कीन पीली पड़ना,  आंखों का सफेद भाग भी पीला पड़ जाता है

-भूख का लगना कम हो जाता है

इस इंफेक्शन को फैलने से पहले ही रोका जा सके इसके प्रति जागरूकता जगाने के लिए दिल्ली के ILBS अस्पताल ने AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA के साथ मिलकर THE EMPATHY CAMPAIGN की आरंभ की है कैंपेन का मकसद लोगों को हेपेटाइटिस इंफेक्शन के बारे में बताना, सावधान करना  बचाव के लिए तैयार करना

ऐसे होने कि सम्भावना है बचाव
प्रेगनेंसी के दौरान ही माता –पिता दोनों में हेपेटाइटिस बी इंफेक्शन की जाँच कर ली जाए तो आने वाले बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सकता है हेपेटाइटिस बी का इंजेक्शन अब बड़े लोगों के लिए भी उपस्थित है

-हेपेटाइटिस बी का इंजेक्शन सरकार के आवश्यक टीकाकरण अभियान में भी शामिल है लेकिन वे बच्चे जो टीकाकरण करवाते ही नहीं, या चार टीकों की स्थान अधूरी डोज़ ही लेते हैं तो चुनौती पूरी तरह समाप्त नहीं होती है

-हेपेटाइटिस के मरीज के लिए सिगरेट – शराब जैसी चीजों से दूर रहना  सादा खाना बेहतर ज़िंदगी बना सकता है

सबसे ज़रुरी है जानकारी बीमारी के बारे में बात करना इसके मरीज़ से घबराने या उसे दूर करने की जगह, उसका उपचार करवाना  वक्त रहते इंजेक्शन लगवाकर बचाव कर लिया जाए तो देश हेपेटाइटिस मुक्त भी होने कि सम्भावना है EMPATHY CAMPAIGN जैसी कोशिशों से जुड़कर आप भी हेपेटाइटिस के वायरस से खुद को  अपने अपनों को बचा सकते हैं