जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार समेत की राजनीति गरमायी, तेजस्वी यादव करने जा रहे…

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच जाति को लेकर छिड़ा विवाद अब नया सियासी रंग पकड़ रहा है. विपक्ष सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की तैयारी में है. राजद ने इसके लिए 7 अगस्त को अलग तैयारी की है.

दरअसल, 7 अगस्त का दिन ओबीसी से जुड़ा एक अहम दिन रहा है. 1990 में इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने की घोषणा की थी. जिसके बाद ओबीसी को उनकी संख्या के आधार पर आरक्षण मिला था.

कल 7 अगस्त है. बिहार की सियासत जाति आधारित जनगणना को लेकर गरमायी हुई है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब केंद्र सरकार के मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि सरकार इस बार जातिगत जनगणना के तहत केवल एससी-एसटी की संख्या गिनती करायेगी.

इसके बाद विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाया और सरकार पर हमला बोला. विपक्ष सभी जातियों की गिनती कराने की मांग कर रही है. वहीं बिहार में एनडीए के अंदर भी इसे लेकर दोमत है. जदयू व जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी जातिगत जनगणना की मांग कर रही है.

जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार समेत देश की राजनीति गरमायी हुइ है. इस बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अब जातीय जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने जा रही है.

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में आरजेडी जाति आधारित जनगणना सहित अन्य मांगों को लेकर कल 7 अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी.