गिरफ़्तार होते ही ताहिर हुसैन ने खोला ये बड़ा राज, कहा हमें तो…

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी ज़िले में 24 फ़रवरी से लेकर 26 फ़रवरी के बीच हुई हिंसा में अब तक 47 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है जिनमें ज़्यादातर मुसलमान हैं.पुलिस ने उन पर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला दर्ज किया है.

 

अंकित शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को ताहिर हुसैन के घर के पास के एक नाले से मिली थी. मामला दर्ज होने के बाद से ताहिर हुसैन कहां है इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.लेकिन ताहिर हुसैन ख़ुद को निर्दोष बताते रहे हैं.

उनका कहना है कि वो तो ख़ुद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के शिकार रहे हैं. बीबीसी हिंदी से बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो तो दंगा को रोकने की कोशिश कर रहे थे.

ताहिर हुसैन ने अपने वकील मुकेश कालिया के ज़रिए गुरुवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में एडिशनल चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पहुजा के सामने सरेंडर की अर्ज़ी दी थी.

लेकिन अदालत ने उनकी अर्ज़ी ख़ारिज कर दी.अदालत ने कहा कि ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है.अर्ज़ी ख़ारिज करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.

ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के एक पार्षद हैं लेकिन दंगों में उनका नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है.