पुडुचेरी में बीजेपी ने किया सियासी उलटफेर, अमित शाह ने उठाया ये बड़ा कदम

पिछले एक पखवाड़े से राहुल गांधी ने कई बैठकों में भाग लिया है और उनकी पुडुचेरी यात्रा की पूर्वसंध्या पर ही भाजपा ने उनकी पार्टी को झटका दे डाला है.

 

मोदी-शाह-नड्डा की तिकड़ी ने दो वरिष्ठ नेताओं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और राजीव चंद्रशेखर को विधानसभा चुनावों के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा है. पार्टी को पुडुचेरी में जीत की उम्मीद है.

अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के शिष्टमंडल ने बुधवार को उप राज्यपाल के कार्यालय में एक अधिकारी को प्रतिवेदन देकर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी की सरकार को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिए जाने की मांग की है.

उत्तराधिकारी भी रणनीति के तहत बेदी के उत्तराधिकारी का चयन भी रणनीति का ही हिस्सा था. उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाली तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन न केवल पुडुचेरी की हैं, बल्कि उनका ताल्लुक नारायणसामी के ही नाडर समाज से भी है.

इस तरह से वह भाजपा और केंद्र के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को निश्चित ही लगाम लगा देंगी. दौरे से ठीक पहले कांग्रेस को यह झटका ऐसे वक्त लगा है जब राहुल गांधी राज्य के मामलों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं और उन्होंने अपने खास दिनेश गुंडुराव को पुडुचेरी का प्रभार सौंपा हुआ है.

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्र का यह कदम भाजपा आलाकमान के इस विश्वास के चलते उठाया गया था कि वह कांग्रेस के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी की सरकार को गिरा सकती है. भाजपा नहीं चाहती थी कि पहले से ही बेदी के खिलाफ अभियान चला रही नारायणसामी सरकार को बेदी के रहते कोई सहानुभूति बटोरने का मौका मिले.

बेदी और नारायणसामी के बीच पिछले चार साल से विवाद अनवरत जारी था. बेदी को हटाए जाने से एक उत्तर भारतीय पुलिस अधिकारी बनाम दक्षिण भारतीय राज्य की सरकार के मसले को चुनावी मुद्दा बनाने का मौका नारायणसामी के हाथ से निकल गया है.

कोविड-19 टीकाकरण अभियान की समीक्षा के बीच पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की अभूतपूर्व तरीके से एकाएक विदाई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक सोचा समझा कदम था.