कलकत्ता न्यायालय ने भाजपा की प्रस्तावित गणतंत्र बचाओ रथयात्रा को मंजूरी दे दी है, जो कि राज्य गवर्नमेंट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जिसके चलते अब के इस निर्णय के विरूद्ध डिवीजन बेंच के पास पहुंची है। बता दें ममता गवर्नमेंट ने राज्य में सांप्रदायिक शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य में बीजेपी की गणतंत्र रथयात्रा को अनुमति देने से मना कर दिया था। जिसके बाद बीजेपी ने न्यायालय में राज्य गवर्नमेंट के निर्णय के विरूद्ध याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने राज्य गवर्नमेंट के इस निर्णय को रद्द कर दिया था। जिसके बाद अब ममता गवर्नमेंट ने न्यायालय के एकल बेंच के इस निर्णय को चुनौती दी है। जिस पर की खंडपीठ सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
बता दें इससे पहले कलकत्ता न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र रथयात्रा को अनुमति नहीं देने संबंधी राज्य गवर्नमेंट के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि रथ यात्रा से होने वाला खतरा काल्पनिक आधार पर नहीं हो सकता है। साथ ही यात्रा को अनुमति देते हुए न्यायालय ने यह भी बोला था कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा के दौरान राज्य में किसी भी तरह से कानून व्यवस्था का उल्लंघन न हो व यह यात्रा शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो।
बता दें इससे पहले र ने एक खूफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी की गणतंत्र बचाओ रैली को अनुमति देने से इंकार किया था। राज्य गवर्नमेंट का कहना था कि खूफिया एजेंसी से मिली एक रिपोर्ट में बोला गया है कि इस रैली के दौरान सांप्रदायिक दंगों का अंदेशा है। जिसके बाद बीजेपी गवर्नमेंट ने कलकत्ता न्यायालय में राज्य गवर्नमेंट के आदेश के विरूद्धयाचिका दायर की थी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की के लिए तीन तारीखें निर्धारित की गई हैं। जिसमें बीजेपी ने 22 दिसंबर को यह यात्रा बिहार से होते हुए यह यात्रा 24 दिसंबर को परगना जिले के काकद्वीप व 26 दिसंबर को बीरभूमि जिले के तारपीठ से निकालने की योजना बनाई गई है।