बिहार: कोरोना को भगाने के लिए लोग कर रहे थे ऐसा, बकरे की दी बलि

वहीं कालीबाड़ी मन्दिर के मुख्य पुजारी रवि चक्रवर्ती ने बताया कि 1951 में इस मंदिर की स्थापना की गई और हर वर्ष पूजा होती है. मगर इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते माता की विशेष रूप से पूजा अर्चना की गई.

प्रार्थना की गई कि सभी को मन की शांति मिले और इस कोरोना महामारी से मुक्ति. यहीं सब बोल माँ को आहुति दी गई. पुजारी ने बताया कि बलि हर बार जी जाती है लेकिन इस बार संकल्प कर के विशेष रूप से बलि दी गई है. प्रार्थना की गई कि कोरोना वायरस खत्म हो जाए और विश्व में कोरोना के नाम पर जो भी कष्ट हो रहा है वो सब दूर हो जाए.

गया के कालीबाड़ी मंदिर में विश्व शांति की कामना और कोरोना से मुक्ति के लिए विशेष तांत्रिक पूजा का आयोजन हुआ. इसके लिए बकायदा बकरे को लाया गया और उसकी बलि दी गई.

फिर मंत्रोच्चारण के साथ बकरे के सिर पर कपूर रख घंटों पूजा और आरती की गई. ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में भी किसी भी तरह की महामारी के दौरान पूजा अर्चना कर सुख शांति की कामना की जाती रही है.

इसी के तहत काली मंदिर में तांत्रिक पूजा का आयोजन किया गया. इस दौरान एक हवन भी होता दिखा. इस पूजा में कई भक्त शामिल हुए और बाद में भंडारे का भी इंतजाम किया गया.

कोरोना की दूसरी लहर से लोग इस कदर त्रस्त हो चुके हैं कि अब उन्हें सिर्फ मेडिकल साइंस पर विश्वास नहीं रह गया है, बल्कि वे जरूरत से ज्यादा पूजा-पाठ भी करने लगे हैं.

सभी यहीं चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस कोरोना महामारी से मुक्ति मिल जाए. अब इसी कड़ी में बिहार के गया में एक तांत्रिक पूजा को अंजाम दिया गया. बकायदा एक बकरे की बलि भी दी गई और भगवान से कोरोना मुक्ति की प्रार्थना रही. इस खास पूजा में कई लोग शामिल हुए.