काली हल्दी का इस्तेमाल करनें से मिलता है बड़ा लाभ

बात चाहे चेहरे के निखार की हो या फिर स्वादिष्ट भोजन की, हल्दी का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है। रंग में पीली दिखाई देने वाली हल्दी के औषधीय गुणों के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी काली हल्दी के बारे में भी कुछ सुना या पढ़ा है।

काली हल्दी का नाम सुनकर कुछ लोगों को अटपटा तो कुछ लोगों को हैरानी हो सकती है। लेकिन आज बात पीली नहीं काली हल्दी की ही हो रही है। जो सेहत के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है।

काली हल्दी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट्स गुण न सिर्फ ओस्टियोअर्थराइटिस बल्कि पेट और त्वचा संबंधी परेशानियों के साथ महिलाओं की पीरियड्स से जुड़ी कई समस्याओं को भी दूर करने में भी मदद करती है। ऐसे में आइए जानते हैं ऐसे ही कई जादुई गुणों से भरपूर इस काली हल्दी के सेहत और खूबसूरती से जुड़े कई हेल्थ और ब्यूटी बेनिफिट्स।

काली हल्दी के हेल्थ और ब्यूटी बेनिफिट्स-
पेट की गैस-

काली हल्दी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होने की वजह से यह पेट संबंधी परेशानियों से राहत दिलाती है। अगर आपके पेट में गैस बन रही हो तो काली हल्दी की जड़ को पीसकर या उसका पेस्ट बनाकर पीने से आपको पेट संबंधी समस्याओं खासतौर पर गैस्ट्रिक समस्याओं से आसानी से छुटकारा मिल जाएगा।

पीरियड्स क्रैंप्स में फायदेमंद-
पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को पेट में ऐंठन के साथ-साथ भयंकर दर्द भी होता है। इससे राहत पाने के लिए काली हल्दी को डाइट में शामिल करें। इसके लिए दूध के साथ काली हल्दी को मिलाकर पी सकते हैं। इससे दर्द में राहत मिलेगी।

मिर्गी और अस्थमा रोग में भी फायदेमंद-
काली हल्दी की जड़ों का इस्तेमाल अर्थराइटिस और ओस्टियोअर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। मिर्गी और अस्थमा के लिए भी काली हल्दी का सेवन किया जाता है।

चोट जल्दी ठीक करने में प्रभावी-
काली हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स चोट, मोच, घाव और रगड़ को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। इसके लिए काली हल्दी की जड़ों को कूटकर उसका लेप बनाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे चोट जल्दी ठीक होने लगेगी।