अमेरिका और ईरान के बीच हुआ ये , परमाणु हथियारों को किया…

ईरान और IAEA ने एक साझा बयान में कहा गया है कि ईरान ने परमाणु सुरक्षा संबंधी पुराने मुद्दों को सुलझाने के लिए अच्छी भावना से ये क़दम उठाया है.

 

ये सहमति परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक की तेहरान यात्रा के दौरान हुई. इससे पहले आईएईए ने ईरान के दो ठिकानों पर अघोषित परमाणु सामग्री के होने की आशंका जताई थी.

साल 2015 में ईरान ने अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के साथ समझौता किया था जिसके तहत उसे अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना पड़ा था. ईरान का कहना है कि उसने कभी भी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं की लेकिन आईएईए के इकट्ठा किए सबूतों के अनुसार साल 2003 से पहले तक ईरान ने इन ठिकानों पर ‘परमाणु हथियार बनाने से जुड़े काम किए हैं.’

ईरान के एटोमिक एनर्जी ऑर्गेनाइज़ेशन के प्रमुख अली अकबर सालेही और आईएईए के महानिदेशक रफाएल ग्रोसी ने बुधवार को घोषणा की कि ‘आईएईए के बताए सुरक्षा कदमों के पालन के मुद्दे को लेकर अच्छी भावना से दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है.’

एजेंसी के मुताबिक वहां परमाणु बम बनाने संबंधी गतिविधियों के बारे में ईरान ने उसके सवालों का जवाब नहीं दिया और निगरानी की अनुमति भी नहीं दे रहा था.

अमेरिका (US) और अन्य नाटो देशों के सामने ईरान (Iran) अब अपनी जिद छोड़ता नज़र आ रहा है. ईरान ने रुख थोड़ा नरम करते हुए संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियारों की निगरानी करने वाली संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency-IAEA) को अपने यहां दो संदिग्ध परमाणु ठिकानों का निरीक्षण करने की सहमती दे दी है. ईरान ने कहा है की उसके पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है इसलिए उसे ये करने में कोई हिचक भी नहीं है.