लॉकडाउन के बीच मोदी सरकार ने बनाई ये रणनीति ,कहा इन पर चल रहा है काम

देश में अभी 170 हॉटस्पॉट जिले हैं, इन जिलों में अब डोर टू डोर सर्वे करके इन जिलों में जो भी लोग किसी भी फ्लू या खांसी-सर्दी से पीड़ित मिलेंगे, उनका कोरोना टेस्ट किया जाएगा और जानने की कोशिश की जाएगी कि वहां पर कोरोना की क्या संभावनाएं हैं।

 

हॉटस्पॉट एरिया में लोगों की पहचान के लिए यह काम हर हफ्ते अभियान की तरह चलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार अभियान हर सोमवार को चलाया जाएगा।

इसके साथ साथ रेड क्रॉस, एनएसएस समेत कई एजेंसियां को साथ लेकर हॉटस्पॉट से सटे एरिया पर भी फोकस किया जाएगा।

हॉटस्पॉट से सटे एरिया को बफर जोन घोषित किया गया है। बफर जोन में स्पेशल टीम की ओर से अभियान चलाकर एक्टिव केस की तलाश की जाएगी।

लोगों का सैंपल लिया जाएगा और उनका टेस्ट किया जाएगा। इन एरिया में आवश्यक सेवाओं को जारी रखते हुए मरीज के संपर्क में आए लोगों की तलाश की जाएगी और उनकी निगरानी की जाएगी।

दूसरा- नॉन हॉटस्पॉट जोन ….बताया जा रहा है कि जिन जिलों में कम केस हैं, उन्हें नॉन-हॉटस्पॉट जिलों के जोन में रखा गया है और ऐसे जिलों में बुखार, सर्दी-खांसी के शिकार लोगों का टेस्ट किए जाएगा।

ऐसे सारे जिलों को कोविड-19 के पीड़ितों व संभावितों के लिए एक अलग से अस्पताल बनाने का निर्देश जारी करके कोरोना से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय करने का फरमान जारी किया गया है।

कोरोना संकट निपटने के लिए पूरे देश में भले ही लॉकडाउन को बढ़ाया गया हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार देश को हालातों को लेकर तीन तरह की योजना के साथ काम कर रही है।

लॉकडाउन 2.0 के दूसरे दिन देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 12 हजार के करीब पहुंच गया है और 392 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने सख्त गाइडलाइन जारी करके लोगों से सहयोग करने की अपील की है। अब पूरे देश के सभी जिलों को तीन जोन में बांटकर कार्रवाई शुरू की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश के सभी जिलों को तीन जोन में बांटा गया है और तीनों के लिए अगल अलग तरीके की रणनीति व योजना बनाकर काम हो रहा है।