बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले नीतीश कुमार ने चला ये नया दांव, देखते रह गए सभी नेता…

सीएम नीतीश कुमार ने कहा, मुझे वोट की चिंता नहीं है। आपने पहले काम करने का मौका दिया तब काफी काम किया। फिर काम करने का मौका मिला तो फिर आपके बीच आएंगे, आपके साथ बैठेंगे और कोई समस्या शेष रह गई हो तो उसका समाधान करेंगे।

उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि पहले शहरों में भी बिजली नहीं मिलती थी। हमने लालटेन के युग को खत्म कर हर घर में विकास की रोशनी पहुंचाई है। उन्होंने कहा- 15 वर्षों से सत्ता में थे।

10 साल तक बिहार और झारखंड एक ही था। 1990 से 2005 के बीच केवल 95,000 लोगों को नौकरी दे पाए थे। हमने अपने कार्यकाल में 6 लाख से ज्यादा नौकरियां दे दी हैं और अब आगे जब हम आएंगे तब और लोगों को भी रोजगार दिया जाएगा।

नीतीश कुमार ने आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले। यही हमारी राय रही है। लोगों के बीच आकर नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई।

वाल्मीकिनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि आबादी के हिसाब से जातियों को आरक्षण मिलना चाहिए। दरअसल, जहां नीतीश कुमार की सभा थी वहां थारू जाति के काफी वोटर हैं और इस जाति को जनजाति में शामिल किये जाने की मांग उठती रही है। ऐसे में नीतीश ने मौके-पर चौके वाली बात करते हुए आरक्षण का दांव चल दिया।

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के लिए दूसरे चरण की वोटिंग से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव खेला है। नीतीश कुमार ने अपनी जनसभा के दौरान लोगों से कहा कि वो आबादी के हिसाब से आरक्षण की हिमायत करते हैं।

इस बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी हमेशा से यही राय रही है कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से ही आरक्षण मिलना चाहिए।