झाओ ने कहा, हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनों के दौरान देश को बांटने के लिए आंतरिक और बाहरी ताकतों ने मिलकर काम किया था. इन ताकतों ने सत्ता को उखाड़ फेंकने और आतंकी हमले कराने की कोशिशें कीं. उन्होंने कहा, आजादी समर्थक आंदोलन और काले कपड़े पहने दिखाई दी भीड़ ने राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सवाल किया, अमेरिका ने हॉन्ग कॉन्ग में आजादी समर्थकों को हीरो की तरह महिमामंडित किया जबकि अमेरिका में नस्लवादी मानसिकता से निराश होकर सड़कों पर उतरे लोगों को दंगाई कह रहा है.
झाओ ने कहा, हॉन्ग कॉन्ग पुलिस के प्रदर्शनों को रोकने की हर कोशिश की अमेरिका आलोचना करता है लेकिन अपने ही प्रदर्शनकारियों को गोली मारता है. यहां तक कि प्रदर्शनों को दबाने के लिए वह नेशनल गार्ड ट्रूप्स को भी बुला लेता है.
अमेरिका में मिनीपोलिस में पुलिस कस्टडी में एक अश्वेत की मौत के बाद से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत 25 मई को हुई थी.
25 मई की ही शाम को पुलिस को एक फोन आया था कि एक ग्रॉसरी स्टोर पर जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स ने 20 डॉलर का नकली नोट दिया है. पुलिस वाले फ्लॉयड को गिरफ्तार कर अपनी गाड़ी में बैठाने की कोशिश कर रहे थे, तभी फ्लॉयड गिर गए.
कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर में घिरे चीन को अमेरिका पर पलटवार करने का मौका मिल गया है. अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को लेकर हो रहे प्रदर्शनों पर चीन ने उसे घेरा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका प्रदर्शनकारियों को लेकर दोहरे मानदंड अपना रहा है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनकारियों की तो तारीफ करता है लेकिन जब उसके यहां लोग प्रदर्शन कर रहे हैं तो वह उन्हें दंगाई करार दे रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग और अमेरिका में विरोध-प्रदर्शनों के पीछे अलग-अलग ताकतें थीं.