अयोध्या मुद्दा : जानें उन 5 जजों में से इस एक जज ने सुनाया अलग फैसला, कहा में नहीं हूँ ये ?

अयोध्या टकराव पर आज ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जाएगा. इस निर्णय का इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे हैं. बता दें, अयोध्या टकराव की सुनवाई उच्चतम न्यायालय के पांच जजों की बेंच ने की है.

इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण  न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर हैं. आइए जानते हैं आखिर कौन हैं ये जज? पढ़िए इनके बार में सबकुछ यहां.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई-
18 नवंबर 1954 को जन्म
1978 में इन्होंने बार काउंसिल की सदस्यता ग्रहण की. आपके वकालत का अधिकतर समय गुवाहाटी उच्च न्यायालय में बीता.
28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में स्थायी जज के तौर पर नियुक्ति.
9 सितंबर 2010 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरण.
12 फरवरी 2011 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त.
23 अप्रैल 2012 को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त.
03 अक्तूबर 2018 को देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त.
15 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त होंगे.

2-न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोब्डे-
24 अप्रैल, 1956 को नागपुर में जन्म.
नागपुर विश्वविद्यालय से बी ए  एलएलबी किया.
1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल के मेम्बर बने.
21 सालों तक बंबई हाईकोर्ट, इसकी नागपुर पीठ  उच्चतम न्यायालय में वकालत की.
1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने.
29 मार्च 2000 बंबई उच्च न्यायालय की पीठ में अलावा जज के रूप में नियुक्त.
16 अक्तूबर 2012 को मध्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त.
12 अप्रैल 2013 में उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त.
23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.

3-न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़-
11 नवंबर 1959 को जन्म.
नयी दिल्ली के सेंट स्टेफंस कॉलेज से बी ए , दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी.
हार्वर्ड लॉ स्कूल, अमेरिका से जूडिशियल साइंसेंज में एलएलएम  डॉक्टरेट.
संसार भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्याख्यान, विजिटिंड प्रोफेसर.
1998 जून से बंबई उच्च न्यायालय  उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर वकालत.
1998 में अलावा सॉलिसीटर जनरल.
29 मार्च 2000 को बंबई उच्च न्यायालय में जज नियुक्त.
31 अक्तूबर 2013 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त.
13 मई 2016 को उच्चतम न्यायालय में जज नियुक्त.
10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्ति.

4-न्यायमूर्ति अशोक भूषण-
5 जुलाई 1956 को जन्म.
1975 में बैचलर ऑफ आर्ट्स से ग्रेजुएशन करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1979 में लॉ पूरा किया.
6 अप्रैल 1979 को बार काउंसिल ऑफ यूपी के साथ दाखिला लेकर वकालत से अपने करियर की आरंभ की  बेंच की ऊंचाई तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सिविल  मूल पक्ष में एक्सरसाइज प्रारम्भ किया.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक एडवोकेट के रूप में एक्सरसाइज करते हुए, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न संस्थानों के लिए स्थायी एडवोकेट के रूप में कार्य किया.
24 अप्रैल 2001 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में उच्चतर न्यायिक सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इसके अतिरिक्त कई अन्य समितियों का नेतृत्व किया.
उन्हें 10 जुलाई 2014 को केरल के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. 1 अगस्त 2014 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला  26 मार्च 2015 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला.
13 मई 2016 को उन्हें उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.

5-न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर-

5 जनवरी 1958 में जन्म.
मुडेबिद्री के महावीर कॉलेज में अपनी बी कॉम की डिग्री पूरी करने के बाद की उन्होंने एसडीएम लॉ कॉलेज, कोडियालबेल, मंगलुरु से लॉ की डिग्री प्राप्त की.
1983 में एक एडवोकेट के रूप में उन्होंने दाखिला लिया  बेंगलुरु में कर्नाटक हाई कोर्ट में एक्सरसाइज किया.
मई 2003 में, उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक अलावा न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. बाद में उन्हें यहीं का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में काम करते हुए फरवरी 2017 में उन्हें उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया.