शराब की दुकान खुलते ही दिखा ये नज़ारा, पूरी सड़क पर…

इस कानून में बताया गया कि कोई भी विरोध प्रदर्शन करने के लिए सरकार और प्रशासन से पहले से अनुमति लेना आवश्यक है। जाहिर सी बात हैं शाहीन में धरना देने का भी अनुमति केंद्र सरकार ने दिया होगा क्योंकि दिल्ली में कानून मोदी सरकार का चलता हैं।

 

फिर कुछ मानसिक दिमागी बिमारी ग्रस्त लोग उन औरतों पर भद्दी-भद्दी टिपण्णी की। उनके नाम पर गन्दी गन्दी वीडियो वायरल किया।

उन महिलांओं को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। यहाँ तक की देश के गृह मंत्री अपनी मर्यादा तक भूल गए और  (शाहीन बाग) को पाकिस्तान और पाकिस्तानी समर्थक करार दिया।

आज लॉक डाउन में इन औरतों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वैसे तो शराब पीना बुरी बात हैं। सरकार इसे छोड़ने की बार बार अपील भी करती हैं लेकिन फिर भी लोग पीते हैं।

कोई बात नहीं हम उसपर भी टिपण्णी नहीं करना चाहेंगे। क्योंकि इन औरतों को भी देश का संविधान ने अपने 21वां अनुच्छेद में इच्छानुसार खाने, पीने, कपडे पहनने की आज़ादी देता है। लेकिन इतना उन लोगों को जरूर कहेंगे जो शाइन बाग़ की महिलाओं पर गंदे गंदे कमेंट्स किये थे।

(शाहीन बाग) याद हैं आपको वहां कई महीनो तक देश की महिलाएं NRC और नागरिकता कानून के विरूद्ध शांतिपूर्ण धरना दे रही थी। उन महिलाओं को धरना देने का अधिकार उसको देश के संविधान ने अनुच्छेद 19 (1) (B) में दिया हैं .

इस अनुछेद में कहा गया की नागरिक अपनी मांग और किसी बात के विरोध के लिए शांतिपूर्ण तरीके से एक जगह इकट्ठा होकर कर सकते हैं।