संसद की स्थायी समिति की एक बैठक के समापन पर इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बजाई बांसुरी तो…

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट और रॉकेट भेजकर देश और दुनिया का नाम रोशन किया है। इसरो के वैज्ञानिकों में विज्ञान के अलावा भी कई प्रतिभाएं होती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हैं इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी कुन्हीकृष्णन। जिन्होंने संसद की स्थायी समिति की एक बैठक के समापन में बांसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया।

रविवार को हुई यह बैठक साल की अंतिम थी। जिसका वीडियो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। वीडियो में इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी कुन्हीकृष्णन मंत्रमुग्ध कर देने वाली बांसुरी बजाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसके कारण सभी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।

जब पी कुन्हीकृष्णन ने बैठक के समापन में बांसुरी बजाई तो इसरो अध्यक्ष के सिवन और अन्य सदस्य उन्हें तल्लीन होकर सुन रहे थे। वर्तमान में कुन्हीकृष्णन यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक भी हैं। वे पेशेवर बांसुरी वादक भी हैं। वे साल 2010 से 2015 तक पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के परियोजना निदेशक के तौर पर अहम भूमिका निभा चुके हैं।

कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य रमेश ने बताया कि कुन्हीकृष्णन पेशेवर बांसुरी वादक हैं। बैठक के समापन में उन्होंने सदाबहार ‘वतापी गणपतिम भजे’ बजाया। यह दक्षिण भारत के महान कवि और रचयिता मुत्तुस्वामी दीक्षित का लिखा हुआ एक संस्कृत गीत है। दीक्षित कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति में से एक हैं।