रात होते ही दिल्ली में हुआ ये, अब तक इतने लोग हुए…

दिल्ली हिंसा के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. अब तक 167 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. आर्म्स एक्ट के तहत 36 मामले दर्ज हुए हैं.

 

अब तक 885 लोगों को हिरासत/गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट को लेकर भी शिकंजा कसा है. इस मामले से जुड़े 13 केस दर्ज हो चुके हैं. दिल्ली में हिंसा से जुड़े 12 मामलो में एसआईटी ने साइबर सेल से मदद मांगी है.

इधर, उत्तरपूर्वी दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाकों में अब जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है. सुरक्षाकर्मियों की व्यापक गश्त के बीच खुलीं कुछ दुकानों से किराने का सामान और दवाइयां खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकले.

स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए सांप्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, शिव विहार, यमुना विहार हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में शामिल हैं. हिंसा के दौरान संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है.

अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बता दें कि बीते 24-25 फरवरी को उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक लोग घायल हो गये.

यह तीन दशक में सबसे भयानक दंगा था. बयान में कहा गया है, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में और विशेष रूप से उत्तर-पूर्व जिले में हिंसा का संज्ञान लिया है.

जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया है, और अपने महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया था कि इन घटनाओं के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की मौके पर जांच करने के लिए तथ्यान्वेषी दल को तैनात करें.