‘ठाकरे सरकार’ बनते ही शिवसेना का यू टर्न, पवार व सोनिया का बताया ऐसा…

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना का सम्पादकीय पूरी तरह से एनसीपी चीफ शरद पवार को समर्पित है. सामाना के कार्यकारी संपादक संजय राउत द्वारा लिखे गए इस आर्टिक्ल में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला कहा गया है जबकि अपने सहयोगियों एनसीपी  कांग्रेस पार्टी की प्रशंसा की गई है.

लेख में लिखा है कि, महाराष्ट्र में विपक्ष शेष नहीं रहेगा तथा पवार की सियासत समाप्त हो चुकी है, ऐसी हास्यास्पद बातें श्री देवेंद्र फडणवीस ने की थी. यह उन्हीं पर उल्टी पड़ गई. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए. पवार ने जो उनके मन में था, वो करके दिखा दिया. ये अच्छी आरंभ है. आर्टिक्ल में लिखा गया है कि शरद पवार के बिना पॉलिटिक्स नीरस  रुचिहीन है. शरद पवार ठान लें तो कोई भी उलटफेर कर सकते हैं, इस पर एक बार फिर विश्वास करना पड़ा है.

लेख में सामना ने सोनिया गांधी  कांग्रेस पार्टी को आघाड़ी का भाग बनने के लिए भी शरद क्षमता को पूरा क्रेडिट दिया गया है. शरद पवार ने नेतृत्व नहीं किया होता तो आज महाराष्ट्र में बदलाव नहीं हुआ होता. इस प्रकार की किसी सरकार का निर्माण होने कि सम्भावना है, इस पर प्रारम्भ में शरद पवार भी विश्वास करने को तैयार नहीं थे. शरद पवार ने पहले सोनिया गांधी से मुलाकात की, तब सोनिया गांधी ने भी यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. शिवसेना के साथ कैसे जाएं? ये उनका पहला प्रश्न था तथा अल्पसंख्यकों और हिंदीभाषी क्षेत्र में क्या रिएक्शन होगी? ऐसी संभावना उन्होंने जाहिर की. ऐसे में पवार ने सोनिया गाँधी को शिवसेना के लिए जाने के लिए मनाया.