नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दो महीने से भी ज्यादा वक्त से लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, हिन्दू सेना ने शाहीन बाग में जवाबी विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया था। हालांकि, हिन्दू सेना ने 29 फरवरी को इस घोषणा को वापस ले लिया था।
इसके बावजूद दिल्ली पुलिस ने एहतियातन इलाके में दिनभर के लिए धारा 144 लगा दिया है, ताकि एक जगह ज्यादा लोग इकट्ठा न हो सकें।
बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने 1 मार्च को ही शांति मार्च निकालने की घोषणा की है।
इन दो मौतों, खासकर खासी स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) के कार्यकर्ता की मौत के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। भारत-बांग्लादेश सीमा से करीब इचामति इलाके में छात्र संघ के सदस्यों और गैर-आदिवासियों के बीच हुई झड़प में कार्यकर्ता की मौत हुई थी।
पूर्वी खासी हिल्स जिले के अधिकारियों ने बताया कि लुमदिएंगजरी एवं सदर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों और कैंटोनमेंट बीट हाउस में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के भय के चलते कर्फ्यू लगाया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट मतसिएवदोर डब्ल्यू नोंगबरी ने एक आदेश में कहा, “शांति एवं सौहार्द बिगड़ने की आशंका है जिससे जान-माल को नुकसान हो सकता है, मैं इन इलाकों में एक मार्च को सुबह आठ बजे से अगले आदेश तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा करता हूं।”
अधिकारियों ने बताया कि खासी और जयंतिया हिल्स क्षेत्र के छह जिलों में मोबाइल इंटरनेट और संदेश भेजने की सेवाओं पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है ताकि कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाली अफवाहों पर लगाम लग सके।
शिलांग में हिंसक झड़पों के बाद कल (शनिवार) रात लगाया गया कर्फ्यू रविवार को सुबह आठ बजे हटा लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि लुमदिएंगजरी एवं सदर पुलिस थाना क्षेत्रों और कैंटोनमेंट बीट हाउस इलाकों में अब भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है।
उन्होंने बताया कि यह कर्फ्यू पूर्वी खासी हिल्स जिले के इचामति में शुक्रवार को और शिलांग के लेवदुह बाजार में शनिवार को हुई अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत के बाद शनिवार रात नौ बजे से लगाया गया था।