भारत से तनाव के बीच चीन ने नेपाल में बिछाना शुरू किया…, तैनात की सेना की एक टुकड़ी

भारत के लिए लगातर ख़तरा बने हुए हैं लेकिन ये रेल लाइन सामरिक दृष्टि से काफी खतरनाक मानी जा रही है. BRIके तहत 72 किमी रेलवे लाइन तिब्बत से काठमांडू होकर लुंबिनी तक जाएगी जो भारतीय सीमा के करीब है.

यहां नेपाल चीन और भारत के बीच का बफर जोन है जिसे भारत अपना प्राकृतिक साथी मानता है लेकिन चीन ने इस प्रोजेक्ट के जरिए वहां अपनी पैठ बढ़ानी शुरू कर दी है.

बता दें कि BRI के तहत चीन नए सिल्क रोड के प्लान पर काम कर रहा है और इसके तहत चीन ने कई देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए डील की है. पाकिस्तान के साथ बन रहा इकॉनोमिक कॉरिडोर (CPEC) भी इसी का हिस्सा है.

हाल ही में चीन ने तिब्बत में इन्फ्रास्ट्रक्चर में करीब 146 अरब डॉलर निवेश करने का प्लान बनाया है. ये निवेश पहले से जारी प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने के अलावा नए प्रॉजेक्ट्स शुरू करने के लिए भी किया जाएगा.

इसमें लंबे वक्त से लंबित नेपाल से तिब्बत के बीच रेल लिंक को पूरा करने का काम भी शामिल है. चीन तिब्बत-नेपाल के बीच काठमांडू और तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से को जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर भी जोर दे रहा है.

भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Dispute) के बीच नेपाल (Nepal) ने भी बीते दिनों लिपुलेख (Lipulekh) में सेना की एक पूरी टुकड़ी तैनात कर भारत को संदेश देने की कोशिश की है.

अब खबर आ रही है कि चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत नेपाल से लेकर तिब्बत (Tibet) तक रेल लाइन बिछा रहा है, जो भारतीय सीमा के बेहद करीब से होकर गुजरती है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के साथ तनाव बढ़ता देख न सिर्फ इस रेल लाइन के काम में तेजी लाई गयी है, बल्कि चीन ने इस रेलवे डील में और ज्यादा निवेश करने का फैसला किया है.