चीन से तनाव के बीच लद्दाख में भारतीय सेना करेगी ये खतरनाक काम , ITBP भी होगी शामिल

लद्दाख सरहद पर भारत और चीन सेना के बीच एक साल से टेंशन का माहौल था. हाल ही में इसपर आजतक से बात करते हुए जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि 9 राउंड की कमांडर लेवल पर बातचीत के बाद यह स्थिति संभव हो पाई है.

हमने कोई जमीन नहीं खोई है. हम अप्रैल 2020 वाली पोजिशन से पीछे नहीं हटे हैं. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर बातचीत पर उन्होंने कहा कि पहले लगातार सीमा पार से फायरिंग की जाती थी. यह एक अच्छा कदम है. उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में एक भी सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ है.

इस पूरे इलाके में भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पिछले साल इसी सीजन में चीनी सेना ने भारतीय इलाकों में अतिक्रमण किया था. जिसके बाद लगभग एक साल तक भारत-चीन सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तनातनी रही थी.

इसके अलावा गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुई थी. जिसके बाद दोनों देशों के बीच पैंगोग त्सो लेक क्षेत्र से डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी और तनाव कम हुआ. हालांकि अब भी हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए हैं. अभी भी वहां पर सैनिकों की तैनाती की जा रही है.

भरोसा है कि इस अभ्यास से सुरक्षाबलों को चीनी सीमा वाले इलाके में बेहतर तालमेल बिठाने में आसानी होगी. पैंगोग लेक एरिया में अभी भी दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है.

चीन से लगने वाले लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. इसमें भारतीय सेना, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस और भारतीय वायु सेना भी शामिल हैं. यानी कि चीन के साथ तनातनी को देखते हुए लगने वाले सीमा पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.

बेहतर तालमेल बिठाने के उद्देश्य से भारतीय सेना लद्दाख में युद्धाभ्यास करने जा रही है. जहां पर गर्मी के हिसाब से पहले ही सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू हो गई है.

लद्दाख में आयोजित होने वाला यह अभ्यास भारतीय सेना प्लान कर रही है. जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस भी हिस्सा लेगी. सरकार ने आजतक को इस बात की पुष्टि की है.