सीमा पर तनाव के बीच भारत ने किया यहाँ कब्जा , चीन की हालत खराब, हाई अलर्ट पर सेना

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी आज ही चुशूल क्षेत्र का दौरा करके सीमा के हालात बहुत ही नाजुक और गंभीर बताया है।​ यहां की स्थिति देखने के बाद नरवणे ने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव बढ़ता जा रहा है। स्थिति बहुत ही नाजुक और गंभीर है लेकिन हमने अपनी सुरक्षा के लिए सभी रणनीतिक कदम उठाए हैं।

 

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जवानों का जोश बरकरार है और हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। तनावपूर्ण स्थिति खत्म करने के लिये वार्ता चल रही है और हम बातचीत के जरिए ही मौजूदा हालात से निपटेंगे।

सेना प्रमुख ने इस क्षेत्र के दौरे के समय तैनात जवानों की पीठ थपथपाई और किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिये हौसला अफजाई की।

​यह मोर्चा चीन ने ही 29/30 अगस्त की रात थाकुंग चोटी पर कब्जा करने के प्रयास से खोला है। चीनियों को खदेड़ने के बाद आक्रामक हुई भारतीय सेना ने पैंगोंग के दक्षिणी छोर की उन पहाड़ियों पर कब्जा करने का अभियान छेड़ दिया, जिन पर 1962 के युद्ध के बाद दोनों देश अब तक सैन्य तैनाती नहीं करते रहे हैं।

इसी के बाद से चीन बौखलाया हुआ है और चार राउंड की बात होने के बाद भी भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है। चारों बैठकें बेनतीजा रहने के बावजूद शुक्रवार को भी चुशूल में सुबह 10 बजे से पांचवें राउंड की बैठक चल रही है।

शुक्रवार को चुशूल में सुबह 10 बजे से पांचवें राउंड की बैठक चल रही है, क्योंकि इससे पहले चार राउंड की बैठक बेनतीजा रही है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने आज ही इस क्षेत्र का दौरा किया और सीमा के हालात को बहुत ही नाजुक और गंभीर बताया है। उन्होंने चीन को सख्त सन्देश दिया कि हमारे जवानों का जोश बरकरार है और हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं।

चार राउंड की बात होने के बाद भी भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव कम होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

थाकुंग चोटी पर चीनी घुसपैठ नाकाम किये जाने के बाद भारत और चीन के सैन्य अधिकारी बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।