अमेरिका के निशाने पर आया चीन, हथियारों से किया…

अमेरिका न केवल अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार, सुधार और उन्नयन कर रहा है, बल्कि सभी मिसाइल रक्षा प्रणालियों का निर्माण कर रहा है।

 

इसके साथ ही उन्हें चीन के पड़ोस में तैनात कर रहा है। अमेरिका अंतरिक्ष में हथियार विकसित कर रहा है। उसने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (INF) संधि को वापस ले लिया है।

यह स्पष्ट कर दिया है कि यह चीन के पड़ोस में भूमि-आधारित मध्यवर्ती-रेंज मिसाइलों को तैनात करने की योजना बना रहा है। यह देखते हुए कि ये सभी चीन की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और लोगों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि चीन अपनी सैन्य क्षमताओं में सुधार करने की आवश्यकता को देखता है।

यूएस परमाणु हथियारों में कमी पर अमेरिका-रूस वार्ता में चीन के शामिल होने के बारे में बहुत शोर मचा रहा है, लेकिन चीन के परमाणु शस्त्रागार और अमेरिका-रूस के बीच भारी अंतर को देखते हुए चीन को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। एक वरिष्ठ चीनी राजनयिक ने कहा कि चीन को अभी अपनी सैन्य क्षमताओं में सुधार करने की आवश्यकता है।

कोरोना के कहर के बाद चीन पूरी तरह से अमेरिका के निशाने पर है। हालांकि दोनों देश युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन फिर भी चीन के कुछ विशेषज्ञ ऐसे हैं .

जो उसको अमेरिका के खिलाफ भड़काने में लगे हुए हैं। चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स में अमेरिका और रूस के साथ परमाणु हथियारों को कम करने पर होने वाले समझौते से चीन को अलग रहने की हिदायत दी गई है।