अमेरिका 28 साल बाद करने जा रहा ये काम, बताया हमले का खतरा

सुरक्षा से जुड़े एक सीनियर आॅफिसर ने बताया कि अगर अमेरिका ने रूस और चीन को यह द‍िखा दिया कि वह ‘तेजी से टेस्‍ट’ कर सकता है .

 

तो यह वार्ता के दौरान लाभदायक हो सकता है। अमेरिका हथियारों पर रोक के लिए रूस और चीन के साथ एक नई डील करना चाहता है।

अमेरिकी सरकार ने कहा कि वह नए हथियार नहीं बनाने जा रहे हैं, लेकिन अगर रूस और चीन ने बातचीत करने से इंकार किया तो उनके पास हथियार बनाने का अधिकार सुरक्षित है। अखबार में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस बैठक के दौरान परमाणु बम के परीक्षण के प्रस्‍ताव पर गंभीर मतभेद देखने को मिले।

अमेरिकी अधिकारियों में परमाणु परीक्षण पर कोई सहमति नहीं बनी, लेकिन ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्‍ठ अधिकारी का कहना है कि ‘इस प्रस्‍ताव के संबंध में चर्चा जारी है।

इस बीच परमाणु अप्रसार का समर्थन करने वाले लोगों ने ट्रंप प्रशासन के इस प्रस्‍ताव पर चिंता जताई है। अधिकारी ने कहा कि परमाणु परीक्षण करना अन्‍य परमाणु हथियार संपन्‍न राष्‍ट्रों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। इससे पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की अप्रत्‍याशित होड़ शुरू होने की संभावना है।

दुनिया की महाशक्ति अमेरिका के पास 3800 परमाणु हथियार हैं। ये परमाणु बम पूरी दुनिया को कई बार तबाह कर सकते हैं। इन परमाणु हथियारों को ले जाने के लिए अमेरिका के पास 800 मिसाइले हैं। ये मिसाइलें दुनिया के किसी भी शहर को पलक झपकते ही

कोरोना संकट के बीच दुनिया में एक और बड़ा खतरा मंडराहा है। यह खतरा विश्व युद्ध का है। अमेरिका अब लगभग 28 साल बाद परमाणु बम परीक्षण करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका को चीन और रूस से खतरा है जिसके कारण वह इस फैसले पर विचार कर रहा है।

अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया था। परमाणु परीक्षण के संबंध शुक्रवार को अमेरिका के शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर चर्चा की। मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के इस परीक्षण का मकसद अपने परमाणु हथियारों की विश्‍वसनीयता को परखना और नए डिजाइन वाले हथियार बनाना है।