अमेरिकी ने चाइना के दावे को किया खारिज करते हुए उलट दी …

चीन की जानकारी रखने वाले ने बताया, ‘पोम्पिओ का बयान न केवल भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोगियों द्वारा खड़े होने के लिए अमेरिका की विशाल सियासी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि दक्षिण चीन सागर फ्रंटलाइन का सुदृढीकरण भी है. बयान ने यह धारणा बदल दी है कि ट्रम्प प्रशासन की तटस्थवादी नीति है. अमेरिका का यह बयान यह इंगित करता है कि अमेरिका फिलीपींस व वियतनाम जैसे अपने सहयोगियों के साथ मजबूती से खड़ा है व दक्षिण चीन सागर में चीन के विरूद्ध इंडोनेशिया व मलेशिया के दावों को मान्यता दे रहा है.’

अमेरिका के इस बयान पर तीखी रिएक्शन जाहीर करते हुए वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने बोला कि चाइना इस आरोप को पूरी तरह से अनुचित करार देता है कि वह अपने पड़ोसियों को परेशान करता है. उन्होंने कहा, “अमेरिका इस मुद्दे में सीधे तौर पर शामिल नहीं है. इसके बावजूद वह मुद्दे में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है. वह स्थिरता बनाये रखने की आड़ में तनाव को बढ़ावा दे रहा था तथा क्षेत्र के राष्ट्रों को प्रयत्न के लिए उकसा रहा है.”

दक्षिण चीन सागर (SCS) में चीन के दावों को गैरकानूनी और उसे “स्वतंत्र व खुले इंडो-पैसिफिक” कहकर, संयुक्त प्रदेश अमेरिका ने आज अपनी कथित तटस्थतावादी नीति को उलट दिया. अमेरिका ने अपने आसियान भागीदारों व जापान व ऑस्ट्रेलिया जैसा प्रमुख सहयोगियों के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का “दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों पर अमेरिका की स्थिति” पर बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के दो परमाणु ऊर्जा संचालित विमान वाहक पोत निमित्ज़ व रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में 120 लड़ाकू विमानों के साथ एक्सरसाइज कर रहे हैं. दोनों विमान खुले तौर पर चीनी परमाणु पनडुब्बी बेस के उत्तर में पीएलए नौसेनिकों के अभ्यास को चुनौती दे रहे हैं.

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन जुलाई को लद्दाख के अपने सम्बोधन में यह स्पष्ट किया था कि विस्तारवादी शासन के लिए कोई स्थान नहीं थी व भविष्य केवल विकास में विश्वास रखने वालों काहोगा. दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका की सोच पीएम नरेंद्र मोदी के बयान से मेल खाती है. फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे इस साल के अंत में हिंदुस्तान का दौरा करेंगे. नौवहन के अधिकार को लेकर अपने स्टैंड को हिंदुस्तान व मजबूत कर सकता है.

अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर पर चाइना के दावे को खारिज करते हुए बोला है कि दुनिया समुदाय उसे (चीन को) इस सागर को समुद्री साम्राज्य की तरह प्रयोग नहीं करने देगा. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बोला कि हम स्पष्ट कर रहे हैं कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर के अधिकांश इलाकों पर चाइना के दावे को गैरकानूनी मानता है. इसका कोई कानूनी आधार नहीं है व यह केवल उन्हें नियंत्रित करने की प्रयास है.