अमेरिका से आई ये चौकाने वाली खबर, कोरोना मरीज को थमाया…

62 दिनों के बाद जब माइकल पूरी तरह से अच्छा हो गए, तब उन्हें डिस्चार्ज करने के दौरान अस्पताल वालों ने उन्हें 181 पन्नों का 8.35 करोड़ रुपये (1.1 मिलियन डॉलर) का बिल थमा दिया. माइकल को 04 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था व 05 मई को माइकल को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी.

 

माइकल ने मीडिया को बताया कि अस्पताल ने उनसे आईसीयू में रखने के लिए बेहिसाब पैसे की वसूली की है. रोजाना उनसे 7.39 लाख रुपये चार्ज किए. वहीं स्टेराइल रूम में रखने के लिए उनसे 42 दिनों के 3 करोड़ 10 लाख रुपये लिए गए. इसके साथ 29 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखने के लिए अस्पताल ने माइकल से 62 लाख 28 हजार रुपये वसूले हैं.

हालांकि माइकज बुजुर्गों के लिए बनाए गए सरकारी इंश्योरेंस कवर में आते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी जेब से अस्पताल का बिल नहीं देना पड़ेगा. मगर उन्हें इस बात का अफसोस है कि इतना बिल का खर्चा आम टैक्सपेयर्स को उठाना होगा. उनका मानना कि अस्पताल को इस तरह के बिल नहीं बनाना चाहिए. उन्हें कम से कम खर्च पर इसका उपचार करना चाहिए.

पूरी संसार में कोरोना वायरस (Coronavirus) का गढ़ बने अमरीका से एक चौंकाने वाला वाक्या सामने आया है. यहां सिएटल में रहने वाले 70 वर्ष के माइकल फ्लोर (Michael Flor) ने 62 दिनों कोरोना से जंग लड़कर उस पर जीत दर्ज की.उसने संक्रमण को मात दे दी व अच्छा होकर अस्पताल से निकले. मगर अस्पताल के उपचार खर्च के बिल को देखकर उसके होश फाक्ता हो गए.