स्वास्थ्य बीमा कराने वाले धारकों को जल्द ही मिलेंगी यह सभी सुविधाएं, जरुर पढ़े

स्वास्थ्य बीमा कराने वाले धारकों को जल्द ही कई  सुविधाएं मिलनी प्रारम्भ हो जाएंगी. बीमा नियामक इरडा ने इस मामले में प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें स्वास्थ्य बीमा कराने वालों को ओपीडी  दवा खर्च की सुविधा के साथ जिम में पंजीकरण कराने और प्रोटीन सप्लीमेंट उत्पाद खरीदने के लिए वाउचर्स दिए जाएंगे.

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के अनुसार, नए मसौदे के तहत स्वास्थ्य बीमा में नयी चीजों को शामिल कर इसे  सुन्दर बनाया जा सकता है. इसके अनुसार, बीमा धारक को ओपीडी में उपचार  दवाओं, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थ चेकअप  डायनोस्टिक के साथ जिम अथवा योगा सेंटर में पंजीकरण कराने के लिए डिस्काउंट वाउचर्स शामिल किए जाएंगे.

यह कदम उपभोक्ताओं को बीमा उत्पादों के प्रति आकर्षित करने  लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है. इरडा ने प्रोटीन सप्लीमेंट खरीदने या अन्य हेल्थ बूस्टर्स खरीदने के लिए भी डिस्काउंट वाउचर्स देने का प्रस्ताव किया है.

सीधे उपभोक्ता को मिलेगा प्रोत्साहन

इरडा ने नए प्रस्ताव में बीमा कंपनी के बजाए सीधे धारक को ही प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है. बीमा धारक इनमें से किसी तरह की सुविधा का फायदा उठाना चाहता है, इसका उल्लेख बीमा कांट्रैक्ट में भी करना होगा. इसके अतिरिक्त बीमा कंपनी थर्ड पार्टी के मर्चेंडाइज या लोगो को भी प्रकाशित नहीं कर सकती है, बल्कि उस उत्पाद या सेवा देने वाले का जेनरिक टर्म प्रयोग कर सकती है. इसके लिए बीमा कानून 1938 के नियमों में भी परिवर्तन किया जा रहा है.

मिल सकती प्रीमियम पर छूट

इरडा ने बोला कि मसौदे में उपभोक्ताओं को प्रीमियम में छूट या सम एश्योर्ड की राशि बढ़ाने जैसे ऑफर दिए जा सकते हैं. इसका फायदा पूर्व में स्वास्थ्य बीमा कराने वालों के स्वास्थ्य अनुशासन को देखते हुए उन्हें पॉलिसी रेन्यू कराने के समय दिया जा सकता है. इरडा ने बोला है कि बीमा कंपनी को स्वास्थ्य बीमा उत्पाद के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं (जिम, योगा) के लिए दिए जा रहे वाउचर्स की लागत का भी एडवरटाईजमेंट में स्पष्ट उल्लेख करना होगा. अगर किसी उत्पाद की लागत का उल्लेख नहीं है तो उसकी पेशकश नहीं की जा सकेगी.

सेवा में नहीं कर सकेंगे भेदभाव 

बीमा नियामक ने बोला है कि अंतर्निहित स्वास्थ्य बीमा उत्पाद के पॉलिसीधारकों की समान या समान रूप से रखी गई श्रेणियों को प्रदान की जाने वाली कल्याण सुविधाओं अथवा लाभों को प्रदान करने में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. इसके अतिरिक्त प्रत्येक बीमाकर्ता उपलब्ध कराई जाने वाली कल्याणकारी सुविधाओं के मूल्य निर्धारण असर का मूल्यांकन करेगा. उपभोक्ता को इसका प्रयोग किस तरह करना है, इस बारे में भी स्पष्ट दिशानिर्देश जरूरी होंगे.