अखिलेश यादव ने किया ये बड़ा एलान, कहा चुनाव जीतते ही होगा ऐसा…

असल में सपा को अगली बार विधानसभा चुनाव में खासी उम्मीदें हैं. उसने अपने कार्यकर्ताओं को 351 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है.

 

बेशक यह बहुत बड़ा लक्ष्य है लेकिन कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए पार्टी इसे महत्वपूर्ण मान रही है. इसीलिए एक ओर उसने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. साथ ही अब यह राय बन रही है जो पार्टी छोड़कर चले गए वह वापस लौट आएं.

इस बीच शिवपाल यादव ने बोला है कि परिवार में कोई मतभेद और टकराव नहीं है, पर दोनों अलग पार्टी हैं. अगली बार मिलकर लड़ने को तैयार हैं.

जानकार कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद सपा और शिवपाल दोनों को अहसास हो गया कि अलग होने से किसी को कोई लाभ नहीं हुआ.

सपा को बीएसपी से गठजोड़ करने से नुकसान हुआ तो शिवपाल की पार्टी भी अलग लड़कर कुछ खास नहीं कर पाई. अलबत्ता सपा में फूट और परिवार में बढ़ी दूरी के चलते पार्टी के मूल वोट बैंक में भी थोड़ा सा पलायन हुआ. वैसे सपा ने किसी भी दल से मिल कर चुनाव लड़ने से इंकार किया है.

जाहिर तौर पर इसमें कांग्रेस पार्टी और बीएसपी प्रमुख हैं. पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने छोटे-छोटे दलों से कहीं-कहीं एडजसमेंट करने से इंकार नहीं किया है.

सपा की मंशा है कि प्रसपा गठजोड़ के बजाए विलय करें जबकि शिवपाल चाहते हैं कि प्रसपा और सपा गठबंधन कर बीजेपी के विरूद्ध चुनाव लड़ें. कुछ समय पहले भी अखिलेश ने बिना अपने चाचा शिवपाल यादव का नाम लिए बिना बोला था कि पार्टी में सभी के लिए दरवाजे खुले हैं.

समाजवादी पार्टी परिवार में एका की कोशिशें एक बार तेज हो चली हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल ने अब सपा से गठजोड़ की बात कही है जबकि सपा-प्रसपा के विलय की पक्षधर बताई जाती है.

ऐसे में दोनों दल किस हद तक और कब तक करीब आते हैं- यह बड़ा सवाल है. अब होली के मौके पर एकत्र हो रहे मुलायम परिवार पर सबकी निगाहें रहेंगी कि दोनों होली साथ मनाते हैं या फिर जुदा-जुदा.