अखिलेश यादव का बड़ा बयान , कहा – शहरों की तुलना में गांवों में हालात बदतर

सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक-दूसरे की पीठ खुजा रहे हैं. जहां प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की और योगी आदित्यनाथ ने मोदी को महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले वैश्विक नेता के रूप में सराहा. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी में आत्मसंतुष्टि की भावना थी.

जिससे महामारी की दूसरी लहर में हालात बिगड़ गए. अखिलेश ने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी से स्थिति और बिगड़ गई है.

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता सत्ता में बने रहना और अपनी रैलियों में कोरोना वायरस के प्रसार की परवाह किए बिना चुनाव जीतना है. बीजेपी के लिए लोगों के जीवन का कोई मूल्य नहीं है.

उन्होंने दावा किया, “प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है.” उन्होंने आरोप लगाया, “योगी सरकार ने राज्य को गिद्धों को सौंप दिया है जो जुर्माना लगाकर और आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी कर आम आदमी को निशाना बना रहे हैं.”

यादव ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सपा के शासनकाल में किए गए काम से एलर्जी है, और वह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.

वह आसानी से हमारे शासन में बनी इमारतों को कोविड सुविधाओं में बदल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अब सरकार ने सपा के शासनकाल में बने कैंसर अस्पताल, हज हाउस, अवध शिल्पग्राम को कोविड सेंटर में बदलने का फैसला किया है.”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं और शहरों की तुलना में गांवों में हालात बदतर हैं.

उत्तर प्रदेश में पिछले सात दिनों के दौरान कोविड-19 मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. अखिलेश ने एक बयान में कहा, राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. शहरों में स्थिति खराब है, गांवों में बदतर है, जहां गरीबों की समस्याओं को दूर करने वाला कोई नहीं है.