हाथ में गन्ना लेकर अखिलेश यादव ने किया प्रचार, साथ में नजर आए जयंत चौधरी

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की शुरुआत पश्चिमी यूपी यानी गन्ना बेल्ट से होने जा रही है। वैसे तो हर चुनाव में यूपी के इस हिस्से में गन्ना फोकस में रहता है लेकिन इस बार गन्ना के साथ जिन्ना की भी खूब चर्चा हो रही है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुंह से पिछले दिनों जैसे ही जिन्ना निकला, भारतीय जनता पार्टी ने इसे लपक लिया। बीजेपी की आक्रामक घेराबंदी की काट के लिए अब अखिलेश यादव को हाथ में गन्ना लेकर प्रचार करना पड़ रहा है। बुधवार को शामली में जब अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ प्रचार किया तो दोनों नेता हाथ में गन्ना लिए दिखे।

दरअसल बीजेपी इस चुनाव को ‘गन्ना बनाम जिन्ना’ की लड़ाई बता रही है। समाजवादी पार्टी पर जिन्ना और पाकिस्तान प्रेमी होने का आरोप लगाकर बीजेपी यह दावा कर रही है कि केवल वही गन्ने की बात कर सकती है। बीजेपी गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान का दावा करते हुए वादा कर रही है कि यदि 15 दिनों के भीतर किसानों को भुगतान नहीं हुआ तो ब्याज भी मिलेगा।

लड़ाई को ‘गन्ना बनाम जिन्ना’ बनाने से बीजेपी दोहरा फायदा देख रही है। एक तरफ गन्ना के नाम पर वह किसानों को अपने पाले में कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ जिन्ना के बहाने ध्रुवीकरण और राष्ट्रवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी की रणनीति को भांपते हुए जयंत और अखिलेश बीजेपी के अभियान की काट निकालने में जुटे हैं। हाथ में गन्ना लेकर प्रचार को भी इसी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है।