कृषि कानून के खिलाफ अब बंगाल में होगा ये, राकेश टिकैत ने किया ऐलान, सरकार की बढ़ी टेंशन

सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन पर बैठे किसानों और स्थानीय लोगों के विवाद पर बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि कुछ लोगों को वहां पर भेजा गया था, स्थानीय लोगों को किसान आंदोलन से कोई दिक्कत नहीं है, वह हमारा सहयोग कर रहे हैं, आंदोलन को खराब करने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब यह कामयाब नहीं होगी.

 

रकेश टिकैत ने कहा कि वे बंगाल में भी पंचायतें करेंगे, क्योंकि बंगाल में किसानों को काफी दिक्कतें है. वहां पर फसलों के दाम नहीं मिल रहे, हनुमान जी लंका में गए थे, उनकी कोई लड़ाई नहीं थी, वह तो श्रीराम की मदद के लिए गए थे, अब भाजपा वालों को श्री राम से क्या मतलब, रघुवंशी तो हम हैं, भाजपा वालों का भगवान राम से क्या लेना-देना.

राकेश टिकैत ने कहा कि ये जिस तरह के कानून हैं, उससे आम जनता ही नहीं पशु भी भूखे मर जाएंगे. साथ ही टिकैत ने ऐलान किया कि पश्चिम बंगाल में भी किसान काफी दुखी है.

वहां भी पंचायतें होंगी. वहीं, गुरनाम चढूनी ने भी बंगाल चुनाव में किसान आंदोलन को समर्थन न करने वालों के खिलाफ वोट डलवाने की बात कही और कहा कि बंगाल में भी पंचायतें की जाएंगी.

किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि देश को बेशक राजनीतिक आजादी मिली है, लेकिन आर्थिक आजादी अभी तक नहीं आई है और इसी को लेकर हम लड़ाई लड़ रहे हैं.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने लोगों को चौधरी छोटूराम के दिखाए रास्ते पर चलने की अपील की और साथ ही कहा कि बीजेपी के लोगों को गांव में ना घुसने दें और आने वाले चुनाव में इन्हें वोट ना दें, बाकी चाहे किसी को भी दे.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि श्री राम रघुवंशी थे और हम उनके वंशज हैं, भाजपा का श्रीरामचंद्र जी से कोई लेना देना नहीं है. जहां तक महात्मा गांधी व हनुमानजी को आंदोलनजीवी कहने का उनका बयान है, वे उस पर कायम हैं और माफी उन्हें नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मांगनी चाहिए.

किसान आंदोलन की गूंज अब जल्द ही पश्चिम बंगाल में भी सुनाई देने लगेगी. किसान संगठनों ने फैसला किया है कि बंगाल में पंचायतें की जाएंगी. रोहतक जिले के सांपला में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश अब एक साथ खड़ा है और आने वाले दिनों में पूरे देश में पंचायतें की जाएंगी, साथ ही बंगाल में भी पंचायत करेंगे.