यूक्रेन के बाद इस देश पर हमला करने को तैयार रूस , पढ़े हैरान कर देने वाली पूरी खबर

रूस-यूक्रेन जंग के बीच फिनलैंड की नाटो देशों से नजदीकी भारी पड़ने लगी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जब फिनलैंड की संसंद को संबोधित कर रहे थे तभी फिनलैंड पर साइबर हमला हुआ है। इसके साथ ही हवाई क्षेत्र में भी उल्लंघन का मामला सामने आया है।

फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब बारह बजे रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर हमला हुआ। हमले की जानकारी के तुरंत बाद वेबसाइट को बंद कर दिया गया। पूरे मामले की जांच चल रही है। घटना की जांच के बाद वेबसाइट को शुरू कर दिया गया है।

सरकारी वेबसाइटों पर साइबर अटैक से पहले फिनलैंड ने बताया कि रूस के एक विमान आईएल-96-300 ने तीन मिनट के लिए हवाई सीमा का उल्लंघन किया था। विमान फिनलैंड के हवाई क्षेत्र में आने के कुछ समय बाद वापस चला गया। फिनलैंड रूस के साथ 1300 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।

फिनलैंड युद्ध का दंश झेल रहे यूक्रेन के साथ खड़ा है। फिनलैंड अगले कुछ महीनों में नाटो देशों में शामिल हो सकता है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूस इसी से बौखलाया हुआ है और वे साइबर हमला और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर डराने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि नाटो देशों के करीब जा रहा फिनलैंड रूस का अगला शिकार हो सकता है।

फिनलैंड के रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव एसा पुलकिनेन का कहना है कि हां रूस प्रतिक्रिया जरूर देगा लेकिन कैसे देगा ये पता नहीं है। इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। हमें अपने फैसले को लेकर अंजाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा। फिनलैंड सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे पुलकिनेन का कहना है कि रूस की धमकियों से हमें कैसे निपटना है इसकी तैयारी करनी होगी।

रूस और यूक्रेन जंग के बीच फिनलैंड और रूस में तल्खी लगातार बढ़ रही है। फिनलैंड ने हाल ही में दो रूसी राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया है। दोनों देशों के बीच बढ़ती तल्खी के बीच फिनलैंड ने सेना को मजबूत करने के लिए अगले चार वर्ष में 2.2 अरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा वे आधुनिक सैन्य हथियारों और उपकरणों की खरीदारी की भी योजना बना रहा है।

यूक्रेन से जंग के पहले सप्ताह में ही रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को चेताया था कि नाटो देशों के करीब जाने पर सैन्य और राजनीतिक अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। रूस ने कहा था कि दोनों देश किसी फैसले पर जाने से पहले वर्ष 2008 में जॉर्जिया और वर्ष 2014 में यूक्रेन पर हुई कार्रवाई को एक बार याद कर लें, उसके बाद ही किसी फैसले पर आगे बढ़ें।