अमेरिका के बाद अब ये देश बना ईरान का दुश्मन , कहा एक बार में कर देंगे…

मौसवी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस्राइल के अवैध शासन को मान्यता देने के लिए जारी की गई ‘डील ऑफ सेंचुरी’ योजना पर बुलाई गई आईओसी की बैठक में महासचिव यूसुफ अहमद अल-उथैमीन के आमंत्रण के बावजूद सऊदी अधिकारियों ने वीजा जारी नहीं किया है।

 

कहा, सऊदी अरब की मेजबानी में आईओसी के आयोजन के लिए उसकी निरंतरता का संदिग्ध होना तनावपूर्ण है। सऊदी ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

फलस्तीन के अनुरोध पर शुरू हुई दो दिन बैठक इस्लामी सहयोग संगठन की यह बैठक अरब लीग द्वारा ट्रंप के तथाकथित मध्य-पूर्व शांति सौदे को खारिज करने के बाद हो रही है।

57 सदस्यों वाले इस निकाय की दो दिनी बैठक सोमवार को फलस्तीन नेतृत्व के अनुरोध पर हो रही है। फलस्तीन ने ट्रंप का प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा है कि यह फलस्तीनी लोगों के न्यूनतम अधिकारों और जरूरतों को पूरा नहीं करता है। ईरान ने ट्रंप की शांति योजना की निंदा की है।

अमेरिकी दबाव पर भी एटमी कार्यक्रम जारी रखेगा ईरान ईरान ने कहा कि अमेरिका के हरसंभव दबाव के बावजूद वह अपने परमाणु कार्यक्रम को और दृढ़ संकल्प के साथ जारी रखेगा।

ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) के प्रवक्ता बेहरूज कमालवंडी ने कहा, ‘अमेरिका सिर्फ दबाव बनाना चाहता है लेकिन वास्तविकता यह है कि वह कभी इसमें सफल नहीं होगा।

जेद्दा में मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामी सहयोग संगठन (आईओसी) की बैठक में शामिल होने से सऊदी अरब ने ईरान को रोक दिया है।

इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य-पूर्व शांति प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, जिसे फलस्तीन पहले ही खारिज कर चुका है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब द्वारा उसे बैठक में भाग लेने से रोके जाने की पुष्टि की है।

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा, ‘सऊदी अधिकारियों ने सम्मेलन में शिरकत करने जा रहे ईरान के प्रतिनिधि मंडल को वीजा जारी नहीं किया है।

इसे लेकर तेहरान ने रियाद के खिलाफ आईओसी मुख्यालय में शिकायत भी दर्ज करा दी है।’ ईरान ने अपनी शिकायत में कहा कि मेजबान देश के रूप में सऊदी अरब अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है।