शिवसेना ने बीजेपी पर शायराना अंदाज में कसा तंज, “यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है, याद मुझे दर्द…

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे. लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी और शिवसेना में रार हो गई. शिवसेना जहां ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांटना चाह रही थी. वहीं बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं हुई. इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए और शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की कवायद में जुट गई.

महाराष्ट्र में सरकार गठन की गहमागहमी के बीच शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर शायराना अंदाज में तंज किया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया है कि यारों नए मौसम ने ये एहसान किया है, याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते. राउत का यह ट्वीट ऐसे वक्त में आया है जब शिवसेना बीजेपी से 30 साल पुराना रिश्ता खत्म कर चुकी है और अब प्रतिद्वंदी रही कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है.

हालांकि इससे पहले भी कई बार संजय राउत बीजेपी पर हमला बोल चुके हैं. गुरुवार को उन्होंने बीजेपी से कहा था कि वह उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करें और शिवसेना को अपना राजनीतिक रास्ता चुनने दे. राउत ने कहा था कि हम मरने और लड़ने को तैयार हैं. लेकिन जबरदस्ती या धमकी की रणनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राउत बीजेपी चीफ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीते लोकसभा चुनाव से पहले बंद दरवाजों के पीछे सत्ता के बंटवारे के फॉर्मूले पर की गई टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे.

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राउत ने कहा, ‘मैंने सुना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे.यहां तक कि सेना भी बार-बार दोहरा रही है कि उनका मुख्यमंत्री ही शपथ लेगा.’ वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद के साथ ही सेना को 50:50 की सत्ता-साझेदारी मिलने की बात हुई थी.

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लेकिन शाह और फडणवीस ने इसे खारिज कर दिया और ठाकरे को झूठा बता कर उन पर बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म करने का आरोप लगा दिया. राउत ने कहा था, ‘आपने बंद दरवाजे के पीछे लिए गए फैसलों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी क्यों नहीं दी? चुनाव परिणाम आने तक साझेदारी से मना करने के लिए आप अब तक चुप क्यों रहे?’ उन्होंने कहा था कि बीजेपी हमेशा से बंद दरवाजों के पीछे लिए गए फैसलों को जनता के सामने लाने से मना करती है, लेकिन अगर उन्होंने अपने शब्द और वादे पूरे किए होते, तो मामला कभी भी खुलकर सामने नहीं आता.