हार के बाद इस नेता ने दिखाया नया रूप , सत्ता के करीब पहुंच कर…

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के सुधरे हुए प्रदर्शन में सीएए और उसके विरोध में हो रहे प्रदर्शन का बहुत बड़ा हाथ है।

 

शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन इस चुनाव का केंद्रीय मुद्दा बन गया था। सीएए विरोधी प्रदर्शन की वजह से जहां धुव्रीकरण का बीजेपी को फायदा मिला, वहीं आम आदमी पार्टी भी लाभ में रही।

नतीजन, कांग्रेस पूरी तरह से दिल्ली से साफ हो गई। महज चार प्रतिशत वोट उसके खाते में आए और एक बार फिर खाता भी नहीं खोल पाई। अगर कांग्रेस चुनावी मैदान में मजबूती से खड़ी होती तो परिणाम कुछ और भी हो सकता था।

चुनाव को कांटे का बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व ने भी काफी मेहनत की है। गृहमंत्री अमित शाह ने इसका जिम्मा खुद संभाला था।

शाह दिल्ली की ऐसी विधानसभा सीट पर भी प्रचार के लिए पहुंचे, जहां से भाजपा को कभी जीत नहीं मिली। जनसभा के साथ-साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए उन्होंने डोर-टू-डोर कैंपेन भी किया। उन्होंने 35 जनसभाओं के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में एक बार फिर आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बनाती दिख रही है। अभी तक के रुझानों के मुताबिक भाजपा भले ही चुनाव हार रही हो लेकिन वह पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है।

पिछली बार भाजपा महज 3 सीटें जीत पाई थी, जबकि इस बार वह डेढ़ बजे तक के रुझानों में 10 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है। भाजपा दिल्ली में आप से कई सीटें छीनने में कामयाब होती दिख रही है।