सात महीनों से बाद भारत और नेपाल के बीच हुआ ये, देखता रह गया चीन

नेपाल की तरफ खाड़ो नदी से सटे एक सड़क बन रही है जिस पर दर्जनों बाइक खड़ी दिख रही हैं. ये सभी लोग बाइक खड़ी कर भारतीय सीमा में खरीदारी करने आए हैं.

इसमें महिलाएं भी हैं. ये लोग 500 मीटर दूर आगे चलकर घूमकर आने के बजाय नदी पार कर आ रहे हैं ताकि जल्दी कुनौली पहुंच जाएं. एसएसबी के जवान उन्हें हिदायत देते हैं कि वे नदी पार कर न आए. निधारित मार्ग से ही आएं. नेपाल से आने वाले और फिर वापस जाने वालों को दोनों तरफ के सुरक्षा कर्मी लगातार निगरानी और पूछताछ कर रहे हैं.

पहले तो समझ में नहीं आता कि दोनों देशों के जवान सीटी क्यों बजा रहे हैं. तभी एसएसबी का एक जवान सीटी बजाते हुए उस तरफ भागता है जिस तरफ नदी पार कर नेपाल की तरफ से कुछ लोग भारतीय सीमा में आ रहे हैं.

नेपाल की तरफ के कुछ लोग पैदल आ रहे हैं. इसी बीच नेपाली सशस्त्र पहरी के जवान सीटी बजाते हैं. कुछ देर बाद बॉर्डर के इस पार से एसएसबी के जवान भी सीटी बजाने लगते हैं.

बिहार के सुपौल जिले का कुनौली ग्राम पंचायत नेपाल सीमा के पास है. नो मैंस लैंड पर खाड़ो नदी बहती है और वही दोनों देशों की सीमा को निर्धारित करती है. शनिवार की दोपहर नदी के उत्तर नेपाली सशस्त्र पहरी के जवान गश्त कर रहे हैं, तो इस पार सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान.

भारत-नेपाल सीमा बंद हुए सात महीने पूरे होने जा रहे हैं. पिछले दिनों नेपाली कैबिनेट ने एक महीने के लिए बंदी की अवधि फिर बढ़ा दी है. इतने लंबे समय तक सीमाएं बंद होने के कारण दोनों देशों के सीमावर्ती क़स्बों व गांवों में लोगों, ख़ासकर व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.