यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए करीब एक लाख लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है. वैक्सीन टास्क फोर्स के चीफ केट बिंघम ने कहा, अगर हमें जल्दी वैक्सीन खोजनी है तो अलग-अलग बैकग्राउंड्स के कई और लोगों की जरूरत होगी.
रिसर्चर्स ने 65 साल से ज्यादा उम्र वाले अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक बैकग्राउंड वाले लोगों से आगे आने की अपील की है. चीनी कंपनी कैनसिनो बायॅलाजी इनकॉपारेट को उसकी कोविड वैक्सीन एडी5-एनको के लिए पेटेंट अप्रूवल मिल गया है.
वहां देश की पहली वैक्सीन है जिसे पेटेंट मिला है.कैनसिनो की वैक्सीन सर्दी-जुकाम के वायरस का एक मॉडिफाइड वर्जन है जिसमें नए कोरोना (Corona virus) का जेनेटिक मैटीरियल डाला गया है.
कोविड-19 (Covid-19) की वैक्सीन की रेस में रूस के बाद चीन भी बाजी मारता दिख रहा है. वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की वैक्सीन को भले ही मंजूरी न मिली हो, मगर अंदरुनी तौर पर दोनों वैक्सीन प्रॉडक्शन की ओर बढ़ चुकी हैं.
रूस ने जहां वैक्सीन स्पूतनीक वी का पहला बैच तैयार कर लिया है. वहीं चीन ने कैनसिनो बायॅलाजी इनकॉपारेट को उसकी वैक्सीन एडी5-एनको के लिए पेटेंट दे दिया है.
यानी रूस के बाद चीन में भी वैक्सीन को हरी झंडी दे दी गई है. दूसरी तरफ, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि कोरोना वैक्सीन तैयार होने में साल भर का वक्त और लग सकता है.