खेती किसानी में अधिकांश पुरुष ही आगे रहते हैं लेकिन आजकल महिला किसान भी विभिन्न फसलों की खेती कर दोगुनी आय कर रही हैं. इसके साथ ही अन्य स्त्रियों को प्रेरणा दे उनको भी उद्यमिता के गुर सीखा रही हैं.
ऐसी ही एक महिला किसान हैं नीलम त्यागी. 12वीं पास करने बाद नीलम की विवाह हो गई थी. फिर विवाह के बाद उन्होंने सोसोलॉजी में एमए किया. आईएआरआई पूसा दिल्ली ने कृषि के क्षेत्र में उनके सहयोग को देखकर चिकित्सक की उपाधि भी दी. वह गन्ने के साथ हल्दी की खेती करके अलावा एक से डेढ़ लाख तक अलावा आय करती हैं, जिसके लिए उनको विभिन्न जगहों पर सम्मानित भी किया गया है. इनोवेटर महिला किसान के रूप में कृषि मंत्रालय में भी इनका नाम दर्ज किया गया है.
स्त्रियों ने खुद सहायता समूह बनाकर उसमें 1500 स्त्रियों को जोड़ा है. नीलम त्यागी अब अपने उत्पादों को विभिन्न प्रदर्शनियों में भी लेकर जाती हैं. जैसे प्रगति मैदान, कुंभ मेला, पूसा आदि. उन्होंने मुरादनगर में ही अपनी प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है. किसानों का समूह बनाकर उनको थोक आढ़ती का लाइसेंस दिलवाए हैं, जिससे वह अपने फल व सब्जी मंडी में सीधे बेचकर अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं. नीलम त्यागी ने बताया कि उनको इसकी प्रेरणा कृषि विज्ञान केन्द्र पूसा के डाक्टर जेपी शर्मा से मिली थी. उन्होंने ही बताया था कि एक साथ कई फसलें कैसे पैदा की जा सकती हैं.
नीलम त्यागी को विभिन्न अवॉर्ड मिल चुके हैं, जिसमें बेस्ट कम्यूनिटी मोबलाइजर अवॉर्ड, नेशनल अवॉर्ड फोर इनोवेशन इन एग्रीकल्चरल अवॉर्ड, आईएआरआई एंड फैलो फार्मर अवॉर्ड, किसान सिंड महिला शक्ति अवॉर्ड, वुमन एग्री प्रेरणा सम्मान, रीजनल विनर अवॉर्ड सहित प्रयागराज में विशेषज्ञ एवं कृषि मंत्रालय में मेम्बर के रूप में भी चयन किया गया है.