ईरान के बाद अब इस देश पर मंडरा रहा तीसरे विश्‍वयुद्ध का…, 41 फीसदी लोग…

ईरान व अमेरिका की टकराहट के बीच इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि संसार में तीसरे विश्‍वयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है।

 

इस संदर्भ में जर्मनी में हुए एक सर्वे के मुताबिक 41 फीसदी लोग मानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के निर्णय संसार की शांति के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं।

इसे आप विडंबना ही कह सकते हैं कि जिस अमेरिका के निर्माताओं को युद्ध से कठोर नफरत थी, वो अमेरिका आधुनिक युग की सबसे बड़ी War Machine बना हुआ है।

अमेरिका 1776 में आजाद हुआ था। तब से लेकर अब तक 244 साल बीत चुके हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इन 244 सालों में से करीब 222 सालों तक अमेरिका हमेशा किसी ना किसी युद्ध में लिप्त रहा है। यानी अपने स्वतंत्र इतिहास के 90 फीसदी समय में अमेरिका किसी ना किसी प्रकार के युद्ध में शामिल रहा है।

ये स्थिति तब है जब अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने बोला था कि उनकी पहली ख़्वाहिश ये है कि युद्ध रूपी महामारी का संसार से खात्मा हो जाए, जबकि अमेरिका के संस्थापकों में से एक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने बोला था कि युद्ध की मूल्य तब नहीं चुकाई जाती, जब युद्ध चल रहा होता है बल्कि इसकी मूल्य आने वाली पीढ़ियां चुकाती हैं।

लेकिन ऐसा लगता है कि अमेरिका के लिए ये बातें सिर्फ किताबी हैं क्योंकि असल में युद्ध अमेरिका के लिए एक बहुत बड़ा बाज़ार है व जब तक संसार में युद्ध होते रहेंगे तब तक अमेरिका सुपर क्षमता बना रहेगा।

दोनों राष्ट्रों की सैन्‍य ताकत
इस सवाल का जवाब जानने के लिए अमेरिका व ईरान की सैन्य ताकत को समझना होगा। Global Fire Power नामक संस्था की 2019 में आई रिपोर्ट के मुताबिक, संसार के 137 राष्ट्रों में सबसे बड़ी सैन्य ताकत अमेरिका के पास है। इसके बाद दूसरे नंबर पर रूस, तीसरे नंबर पर चाइना व चौथे नंबर पर हिंदुस्तान है। जबकि इस रिपोर्ट में ईरान 14वें जगह पर है . Global Fire Power संसार के भिन्न भिन्न राष्ट्रों की सैन्य ताकत का विश्लेषण करती है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पास कुल 12 लाख सैनिक हैं। वहीं ईरान के पास केवल 5 लाख सैनिक हैं। यानी अमेरिका के सैनिकों की संख्या ईरान से 2 गुना से भी ज्यादा हैं। अमेरिका के पास करीब 13 हज़ार Aircrafts हैं व ईरान के पास कुल 509 Aircrafts हैं। यानी ईरान कि तुलना में अमेरिका के पास करीब 25 गुना ज्यादा लड़ाकू विमान हैं। जहां अमेरिका के पास 6 हज़ार टैंक हैं, वहीं ईरान के पास मात्र 16 सौ टैंक हैं। यानी ईरान के हर एक टैंक के मुकाबले अमेरिका के पास 3 टैंक हैं।