चीन के बाद नेपाल ने किया ये बड़ा काम, भारत के इलाकों को…

नेशनल असेंबली में सत्‍ताधारी नेपाल कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी के संसदीय दल के नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा, भारत ने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर अवैध रूप से कब्‍जा क‍िया है और उसे नेपाली जमीन को लौटा देना चाहिए।

नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद अब इस विधेयक को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा।

राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद नए नक्शे का सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इस्तेमाल होगा। एक कैबिनेट बैठक में 18 मई को नए राजनीतिक नक्शे का अनुमोदन किया गया था। सरकार ने बुधवार को विशेषज्ञों की एक नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जो इलाके से संबंधित ऐतिहासिक तथ्य और साक्ष्यों को जुटाएगी।

नेपाल के इस नक्शे पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी।

नेपाल की संसद में देश के नए राजनीतिक नक्शे को अपनी मंजूरी दे दी है। विवादित नक्शे को नेपाली संसद के ऊपरी सदन ने पारित कर दिया है। ये विधेयक रविवार को उच्च सदन में पेश किया गया था।

संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया है।

नेपाल की निचली सदन पहले ही इस विधेयक को बहुमत से पारित कर चुकी है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आने वाले जिस कालापानी इलाके पर नेपाल ने अपना दावा किया है।