चीन के बाद अमेरिका ने इस देश को दी चेतावनी, कहा भुगतना होगा…

अमेरिकी पक्ष के अनुसार सभी दलों को संघर्ष के लिए राजनीतिक समाधान के रास्ता खोजना चाहिए। इस पत्र में अफगानों को देश के भविष्य पर चर्चा करने के लिए आग्रह किय गया है।

हम आपको बताते हैं आखिर क्‍या है इस फसाद की बड़ी वजह।अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता सन्नी लेगेट ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद को दो पन्नों का पत्र भेजा।

आपको यहां पर बता दें कि 29 फरवरी को तालिबान और अमेरिका के बीच 18 माह लंबी शांति वार्ता के बाद समझौता हुआ था। इसी समझौते में तालिबान लड़ाकों की रिहाई की बात भी कही गई थी। लेकिन शुरुआत से ही अफगान सरकार समझौते में शामिल इस बिंदु पर नाराज थी।

अफगान राष्‍ट्रपति का कहना था कि इस समझौते में तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर कुछ नहीं है। न ही ये बिना अफगान सरकार से बातचीत के हो सकता है। लेकिन उनकी बड़ी समस्‍या ये भी थी कि इस शांति वार्ता में अफगान सरकार को शामिल ही नहीं किया गया था।

बता दें कि समझौते के एक सप्‍ताह बाद ही तालिबान ने अफगान सरकार के ठिकानों पर जबरदस्‍त हमला किया था। इसके बाद अमेरिका ने भी तालिबान पर हवाई हमला किया था।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अफगानिस्‍तान में तालिबान को खबरदार करते हुए कहा है कि अगर तालिबान के आतंकवादियों द्वारा हिंसा जारी रही तो कार्रवाई के लिए तैयार रहेंं।

जाागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्‍तान में जारी हिंसा को रोकने के लिए सभी पक्षों के साथ बैठक कर एक राजनीतिक समाधान और सुलह की अपील की थी।अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सेना द्वारा शांति की इस पहल के बाद राष्‍ट्रपति ट्रंप ने यह संकेत दिए हैं।