आखिरकार पीछे हटने पर मजबूर हुआ चीन, एलएसी से दो किलोमीटर दूर…

अधिकारी ने बताया, ‘चीनी सैनिक हिंसक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं। अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि बदलवा को जांचने के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं।

छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की।

भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांजे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं। बता दें कि, कमांडर स्तर की बातचीत के बाद 30 जून को बनी सहमति के मुताबिक, सैनिक पीछे हटे या नहीं, इसको लेकर रविवार को एक सर्वे किया गया।

भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। भारत के ठोस जवाब और दबाव के कारण ड्रैगन एलएसी से पीछे हटने को मजबूर हो गया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी से 15 जून को हुई हिंसा वाली जगह से दो किलोमीटर पीछे हट गए हैं।

15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी है।