चीन की तरफ से हुए घुसपैठ के प्रयास के बाद भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है। सेना ने पैंगोंग त्सो के दक्षिण में सभी अहम रणनीतिक पोस्ट्स पर कब्जा कर लिया है।
साथ ही अब लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक अपनी तैनाती को भी मजबूत कर दिया है। आपको बता दें कि शनिवार की रात चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने चुशुल में घुसपैठ की कोशिशें की थी। करीब 500 पीएलए सैनिक, चुशुल में दाखिल हुए थे।
सूत्रों की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक चीन ने बॉर्डर को मजबूत करने और तिब्बत क्षेत्र को स्थिर करने के मकसद से मिलिशिया को डेप्लॉय किया है।
एक सरकारी अधिकारी की तरफ से बताया गया है, ‘मिलिशिया असल में चीन की पीएलए की रिजर्व पुलिस फोर्स है। इस पुलिस फोर्स को युद्ध जैसे हालातों में पीएलए को इसके मिलिट्री ऑपरेशंस में मदद के लिए बुलाया जाता है।’
ऑफिसर की मानें तो चीनी मिलिशिया स्वतंत्र तौर पर ऑपरेशंस करती है और कॉम्बेट सपोर्ट के साथ ही मैनपावर भी पीएलए को मुहैया कराती है।
इस फोर्स में पर्वतारोही, बॉक्सर्स, स्थानीय फाइट क्लब्स के सदस्य और इसी तरह के लोगों की भर्ती की जाती है। स्थानीय आबादी में से ही मिलिशिया में भर्तियों को अंजाम दिया जाता है।
29 और 30 अगस्त को भारत की सेना से मुंह की खाने के बाद अब चीन ने पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर पांच मिलिशिया स्क्वाड को तैनात कर दिया है। सूत्रों की मानें तो चीन ने इस मिलिशिया स्क्वाड की तैनाती कर दी है।
इस समय चीन ने भारत से लगे बॉर्डर पर जिस मिलिशिया स्क्वाड को तैनात किया है उसे किसी भी पल तुरंत जवाब देने के मकसद से तैनात किया गया है।
मिलिशिया की तैनाती पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की मदद के लिए की गई है। शनिवार की रात चीन की सेना ने पैंगोंग त्सो के दक्षिणी हिस्से पर कब्जे की कोशिशें की थी जिसे सेना और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) ने फेल कर दिया था।