‘जो मैंने देखा वो पूरी जिंदगी नहीं भूल सकता’
19 वर्ष के अरशद शेख दिल्ली यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी हैं। रविवार की प्रातः काल जब उनकी बहन ने उन्हें जगाया तो वे हादसे वाली स्थान पहुंचे। उस समय एनडीआरएफ व दमकल विभाग के लोग बचाव काम में लगे हुए थे। उन्होंने देखा कि ये लोग इमारत की तीसरी मंजिल से दो लोगों को लेकर आ रहे हैं। शेख बताते हैं, ‘उनमें से एक शख्स को मैंने पानी दिया। दूसरा शख्स रोते व चीखते हुए कह रहा था कि एक वर्ष पहले मेरी विवाह हुई है, प्लीज मुझे बचा लो। ‘ लेकिन, एम्बुलेंस के पहुंचने के कुछ देर पहले ही उनकी सांसें थम गईं। अरशद शेख भारी गले से कहते हैं, ‘जो मैंने देखा वो मैं पूरी जिंदगी नहीं भूल सकता। इससे मुझे गहरा सदमा पहुंचा है। ‘
वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मोहम्मद सोनू की जब नींद से उठे तो वे धुएं के कारण हांफ रहे थे। हादसे वाली इमारत में लगी एक फैक्ट्री में सोनू के भाई मोहम्मद दुलारी कार्य करते हैं। वे कहते हैं, ‘मैं जब उठा तो देखा कि लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। वे तब तक चिल्लाते रहे जब तक बेहोश न हो गए। ‘ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उपस्थित सोनू ने बोला कि वहां बहुत ज्यादा लोग थे। आग गेट में लगी व देखते ही देखते रूम तक पहुंच गई।
आरिफ के साथ लगभग 10 लोग छत पर इकट्ठा हुए व लड़की से एक ब्रिज बनाने लगे, जिससे की वहां उपस्थित लोगों की मदद की जा सके। बाद में जब एनडीआरएफ की टीम वहां पहुंची तो उसने इसी के माध्यम से बचाव काम को अंजाम दिया। उन्होंने दो लोगों को वहां निकाला व अस्पताल पहुंचाए। वे बताते हैं कि 5.20 के आसपास दमकल विभाग को कॉल किया गया, लेकिन रास्ता संकरा होने के कारण दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी।