आजम खान को लगा बड़ा झटका, सरकार ने छिनी 500 एकड़ जमींन

आलियागंज गांव के किसानों ने समाजवादी पार्टी से लोकसभा सांसद आजम खान के खिलाफ जमीन हड़पने से संबंधित 26 एफआईआर दर्ज कराई थी, अब उन्हें अपनी जमीन वापस मिलेगी.

 

छह किसानों को आज उनकी जमीन वापस दी जाएगी. रामपुर जिले के DM आंजनेय कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में 17 किसानों की जमीन हथियाई गई थी.

इसमें वह जमीनें भी शामिल हैं जिसमें 20 किसानों को उनकी जमीन नाम और भूमि संख्या राजस्व रिकॉर्ड में पाए जाने के बाद दिया गया था. प्रयागराज स्थित राजस्व बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन द्वारा अधिकार में ली गई 104 बीघा जमीन में यह जमीन शामिल नहीं है. बता दें कि प्रयागराज स्थित रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर जौहर यूनिवर्सिटी की 104 बीघा जमीन सीज की गई है.

यह यूनिवर्सिटी आजम खान ने बनवाई है. खुद आजम खान यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं. कथित तौर पर आजम खान ने यूनिवर्सिटी के लिए 17 बीघा जमीन पर कब्जा किया था. आजम खान के खिलाफ मामले में 26 एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर में किसानों ने आरोप लगाया था कि पूर्व सर्कल ऑफिसर अलय हसन खान की मदद से आजम खान ने उनकी जमीन हड़पी थी.

यह यूनिर्वर्सिटी साल 2006 में बनी है. यूनिवर्सिटी का कैंपस लगभग 500 एकड़ में फैला है. इसका संचालन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. प्रयागराज रेवेन्यू बोर्ड कोर्ट ने बताया कि यूनिवर्सिटी की जमीन दलित किसानों के समूह से ली गई है. जमीन की खरीद-फरोख्त में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं.

आजम खान(Azam Khan) को बड़ा झटका देते हुए रामपुर प्रशासन नेकर ली थी. अब इस 104 बीघा जमीन को जब्त करने के बाद रामपुर प्रशासन ने इसे उसके आधिकारिक मालिकों यानि किसानों को वापस देने जा रही है. रामपुर प्रशासन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने इस जमीन को जब्त किया था.