तालिबान के कब्जा करते ही देश छोड़ भाग रहे अफगानी, लोगों में दहशत का माहौल

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के अपने समकक्षों से बात की। हालांकि इनमें भारत शामिल नहीं था। अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है ।

जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं।

विदेश विभाग और रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ”फिलहाल हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं ताकि सैन्य और असैन्य विमानों के जरिए अमेरिकी लोग और उनके सहयोगी अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल सकें।”

इसमें कहा गया, ”अगले 48 घंटों में, करीब 6000 सुरक्षाकर्मियों को वहां तैनात किया जाएगा। उनका मिशन लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने में मदद देना होगा और वे हवाई यातायात नियंत्रण को भी अपने कब्जे में लेंगे।

अफ़ग़ानिस्तान इस समय पूरी तरह तालिबान के नियंत्रण के क़रीब पहुंच चुका है और राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी देश छोड़कर जा चुके हैं। इस बीच, तालिबान ने ऐलान किया है कि अफगानिस्तान में युद्ध खत्म हो गया है।

तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। इस बीच, अमेरिकी सेना यहां से निकलने की कोशिशों में जुटी हुई है और पश्चिमी देश अपने नागरिकों को यहां से निकालने मे जुट गए हैं। अमेरिका ने कहा है कि अपने नागरिकों, अपने मित्रों और सहयोगियों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी के लिए वह काबुल हवाईअड्डे पर 6,000 सैनिकों को तैनात करेगा।

मुताबिक काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी कामर्शियल उड़ानें निलंबित हैं। लोगों से हवाई अड्डे पर भीड़ से बचने की अपील की गई है। काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी कमर्शियल उड़ानों को निलंबित कर दिया गया।

वहां से केवल सैन्य विमानों के संचालन की अनुमति दी गई। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि काबुल में मौजूद अमेरिकी दूतावास के सभी कर्मचारियों को वहां से सुरक्षित निकाल कर हामिद करज़ई हवाई अड्डे तक पहुंचा दिया गया है।

आफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और राष्ट्रपति अशरफ गनी के शासन के घुटने टेकने के बीच काबुल एयरपोर्ट पर हंगामे की खबर है। अफगानिस्तान में तालिबान का पूरी तरह कब्जा हो जाने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है और हजारों लोग काबुल छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ के बीच हंगामा हो गया जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अमेरिकी सेना को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

एयरपोर्ट पर भगदड़ में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का दावा है कि एयरपोर्ट पर अभी भी हालात बेकाबू हैं। एयरपोर्ट पर अधिक भीड़ होने के बाद यहां पर विमानों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।