तालिबान ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में आदेश दिया है कि महिलाएं अकेले घर से नहीं निकलें और पुरुषों को अनिवार्य रूप से दाढ़ी रखें. तालिबान ने लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम बनाए हैं.
तालिबान ने आदेश दिया है कि उन्हें 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवाओं की सूची दी जाए. तालिबान इन महिलाओं और बच्चियों से अपने लड़ाकुओं की शादी करवाएगा.
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन स्पेशल कमांडो को युद्धग्रस्त इलाकों में तैनात किया जाएगा. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने इन कमांडो के प्रयासों की तारीफ की है. महिला कमांडो की भर्ती ऐसे समय पर हुई जब पूरा देश गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है.
तालिबान का दावा है कि उसने देश के 85 फीसदी इलाके पर कब्जा कर लिया है और अब उसकी नजर काबुल पर टिकी हुई है. इस बीच अफगान सेना ने भी अब भीषण जवाबी कार्रवाई शुरू की है. कई जिलों को तालिबान के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है.
अफगानिस्तान में महिलाओं पर क्रूर प्रतिबंध लगा रहे तालिबान (Taliban) से लोहा लेने के लिए अब वहां की महिलाएं भी तैयार हैं. अफगानिस्तान (Afghanistan) में 20 महिलाओं समेत 135 स्पेशल कमांडो को सेना में शामिल किया गया है. इन स्पेशल कमांडो को उच्च स्तर का प्रशिक्षण दिया गया है.