अफगानिस्तान में तालिबान पर कर रहा जुल्म, जबरन महिलाओं से कर रहे शादी

हालांकि तालिबान नियमित रूप से अत्याचार करने से इनकार करते हैं और पिछले हफ्ते उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने शिकायतों से निपटने के लिए एक व्हाट्सएप हॉटलाइन स्थापित की है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र सहित कई मानवीय संगठनों का कहना है कि संभावित युद्ध अपराध किए गए हैं जिनकी जांच की जरूरत है।

यूएन के इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने मंगलवार को कहा कि इस साल लड़ाई के कारण 359,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। 25 साल की विधवा शनिवार को तालोकान के लिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें डर था कि उन्हें किसी तालिबान से जबरदस्ती शादी करनी पड़ सकती है. वो कहती हैं, “मेरी एक 16 साल की बहन को तालिबानियों ने पकड़ लिया और जबरदस्ती शादी करा दी।”

जब से विदेशी सैनिकों की वापसी घोषणा हुई है, अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना कब्जा जमाने में तेजी कर दी है। जिस भी पांत में तालिबानी कब्जा कर रहे हैं वहां हिंसा की दर्दनाक तस्वीर पैदा हो रही है। अपने आगे न वे बच्चों को बख्श रहे हैं और न ही महिलाओं को।

22 वर्षीय मीरवाइस खान अमीरी ने कहा, “तीन दिन पहले तालिबान ने एक नाई को मार डाला क्योंकि उन्हें लगा कि वह सरकार के लिए काम कर रहा है। लेकिन वह सिर्फ एक नाई था।” अफगान के मीरवाइस तालिबान के जुल्म को बयां करते हुए कहते हैं, “उन्होंने सरकार में काम करने वाले लोगों को मार डाला, भले ही उन्होंने चार से पांच साल पहले नौकरी छोड़ दी हो।”

कुंदुज से निकाले गए एक अन्य व्यक्ति अब्दुलमनन ने एएफपी को बताया कि तालिबान ने उनके बेटे का सिर कलम कर दिया। वो कहते हैं, “वे उसे ले गए … भेड़ की तरह चाकू से उसका सिर काट दिया और उसे फेंक दिया।”

अफगानिस्तान और तालिबान के बीच चल रहे संघर्ष से आम लोगों की जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। तालिबान ने अपने कदम अब काबुल की तरफ बढ़ा दिए हैं। तालिबान के कब्जे वाले शहरों से हजारों अफगान नागरिक भाग रहे हैं।

अपनी जान बचाकर भाग रहे नागिरकों ने तालिबान की क्रूरता की जो कहानियां सुनाई हैं, उन्हें सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी। नागरिक बताते हैं कि सड़कों पर लोगों की लाशें पड़ी हैं और उनके पास कुत्ते खड़े हैं, वे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं और फिर उनसे जबरदस्ती शादी कर रहे हैं। मासूम लोगों के सिर इस तरह कलम किए जा रहे हैं जैसे वे भेड़-बकरी हों। अफगानिस्तान के लोग अपनी जान बचाते हुए यहां से वहां भाग रहे हैं।

तालिबान के पांच दिनों के हमले के बाद कई लोग इस सप्ताह काबुल पहुंचे हैं, जिसमें उन्होंने आठ प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। 36 साल की महिला अपने छह बच्चों को लेकर कुंदुज भाग गई थी। वो बताती हैं, “हमने जेल के पास शव पड़े हुए देखे … उनके बगल में कुत्ते खड़े थे।”