अफगानिस्तान में जारी है खूनी जंग, मारे गए 24 हजार तालिबानी

अफगानिस्तान के जाबुल प्रांत में मोटार्र से किए गए हमले में पांच नागरिकों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए है। स्वास्थ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने शुक्रवार को यहां बताया कि गुरुवार शाम कलात के बाहरी इलाके में सरकारी सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच झड़प के दौरान मोटार्र घरों पर गिरने से तीन बच्चों और दो महिलाओं सहित कम से कम पांच नागरिकों की मौत हो गई।

जाबुल अस्पताल के मुख्य चिकित्सक नज़ीर हरिफ़ल ने बताया कि घटना में 12 लोग घायल हुए है। उन्होंने घायलों में कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है। जाबुल पुलिस ने इस घटना के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है। तालिबान की ओर से अभी तक घटना पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।

मंत्रालय के एक अधिकारी सैयद अब्दुल्ला हाशमी ने बताया कि पता चला है कि देश में हिंसा के लिए बाहर से 10 हजार से अधिक लड़ाके बुलाए गए थे। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हो रहे संघर्ष के पीछे विदेशी लोगों भी हाथ हैं।

इस बीच, उच्च राष्ट्रीय सुलह परिषद (एचसीएनआर) के उप प्रमुख अताउल्लाह सलीम ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा संघर्ष की कोई धार्मिक वैधता नहीं है।

उन्होंने कहा कि तालिबान को हिंसा समाप्त करनी चाहिए। तालिबान कैदियों के मुद्दे पर सलीम ने कहा कि हम कैदियों के मुद्दे, संविधान पर चर्चा सहित काली सूची से नामों को हटाने को लेकर सभी मुद्दों पर चर्चा करने का समर्थन करते हैं। तालिबान की ओर से अभी तक हताहतों के आंकड़ों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं आई है।

अफगानिस्तान में किस कदर बीते कुछ महीनों में खूनी खेल का दौर चल रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते चार महीने में वहां कम से कम पांच हजार से अधिक आम नागरिक मारे गए हैं, वहीं 24 हजार तालिबानी भी मारे गए हैं।

अफगानिस्तान में शांति मामलों के मंत्रालय के हिंसा-निगरानी विभाग ने कहा है कि देश में पिछले चार महीनों में हुए संघर्ष में कम से कम 24 हजार तालिबानी तथा पांच हजार से अधिक नागरिक मारे गए हैं।

हिंसा-निगरानी विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जुलाई के दौरान तालिबान ने देश के विभिन्न हिस्सों में 22,000 हमले किए और जिसके परिणाम स्वरूप 24 हजार तालिबानी लड़ाके मारे गए और घायल हुए।